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देखे पहली बार छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा की हर कोने की एक्सक्लूजिव तस्वीरें, जाने क्या है खास

​छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में निर्मित नया विधानसभा भवन राज्य के लोकतांत्रिक मूल्यों और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनकर उभरा है। यह भवन न केवल अपनी आधुनिकता और भव्यता के लिए जाना जाएगा, बल्कि यह भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया एक अत्याधुनिक परिसर है।

नवा रायपुर के सेक्टर-19 में 20.78 हेक्टेयर में तैयार हुआ यह भवन पूरी तरह इको-फ्रेंडली है। यहां पारम्परिक महलों जैसे गुम्बद दिखाई देता है। छत्तीसगढ़ विधानसभा की नई बिल्डिंग का आकार राष्ट्रपति भवन से भी मिलता-जुलता है।

छत्तीसगढ़ में भले ही विधायकों की संख्या 90 है, लेकिन भविष्य को देखते हुए नए विधानसभा भवन में अभी 120 विधायकों की बैठक व्यवस्था की गई है। भवन के बाहर पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति स्थापित की गई है।

भवन में विधानसभा सचिवालय, 3 मीटिंग हाल, कैंटीन, सेंट्रल हॉल, दर्शक दीर्घा, मीडिया लाउंज, सभागृह, आर्ट गैलरी, जैसी मूलभूत आधुनिक सुविधाएं मौजूद है। मेल, फीमेल, हैंडीकैप और ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग टॉयलेट की व्यवस्था है। 3 हॉस्पिटल की भी सुविधा है।

कॉरिडोर को बस्तर और सरगुजा आर्ट से डेकोरेट किया गया है। विधानसभा परिसर में ग्रीनरी के लिए खूबसूरत गार्डन और लैंडस्केप होगा, यहां वास्तु के आधार पर पेड़ लगाए जा रहे हैं। नए भवन को बनाने में करीब 273 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
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​क्षमता
नई विधानसभा में 200 विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गई है, जो भविष्य की परिसीमन की संभावनाओं को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है।

अत्याधुनिक सुविधाएं
परिसर में 500 दर्शकों की क्षमता वाला एक अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, 700 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था, और विभिन्न कार्यों के लिए तीन प्रमुख विंग (विधानसभा सचिवालय, विधानसभा सदन और सेंट्रल हॉल) बनाए गए हैं।

​पर्यावरण-अनुकूल और सांस्कृतिक समावेश ईको-फ्रेंडली
इस भवन को ईको-फ्रेंडली बनाया गया है। इसमें सौर ऊर्जा (सोलर पैनल) का उपयोग किया गया है और रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन) की भी व्यवस्था है, जिससे यह परिसर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक आदर्श उदाहरण बनेगा।

​सांस्कृतिक झलक
भवन की आंतरिक साज-सज्जा में छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोक-संस्कृति की झलक मिलती है। सदन की सीलिंग में धान की बालियों की डिज़ाइन बनाई गई है, जो प्रदेश के कृषि प्रधान होने का प्रतीक है। इसके अलावा, बस्तर और जशपुर की कला (आर्ट) को भी इसमें जगह दी गई है।

​अन्य आकर्षण
परिसर में दो सरोवर तैयार किए जा रहे हैं, साथ ही एक सांस्कृतिक संग्रहालय भी बनाया जाएगा जो राज्य की विविधता और धरोहर को प्रदर्शित करेगा।

यह भवन सिर्फ एक सरकारी संरचना नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक चेतना, विकास यात्रा और जनभावनाओं का प्रतीक बनेगा। यह इसकी विशिष्ट स्थापत्य शैली और उन्नत सुविधाओं के कारण देश भर में अपनी एक अलग पहचान बनाएगा, जो नई पीढ़ी को प्रेरित करेगा।

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news36Desk

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