Chhattisgarh Naxal News: 22 साल की इनामी नक्सली सुनीता ने किया सरेंडर, 14 लाख के इनाम वाली ‘मोस्ट वॉन्टेड’ लड़की कैसे बनी माओवादी?

बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की रहने वाली 22 वर्षीय नक्सली सुनीता ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में सक्रिय सुनीता पर 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। कभी इलाके की सबसे खतरनाक नक्सलियों में गिनी जाने वाली यह लड़की जब पुलिस थाने पहुंची तो उसके चेहरे पर डर और झिझक साफ दिखाई दे रही थी। बताया जा रहा है कि सुनीता का ब्रेनवॉश कर उसे माओवादी संगठन में शामिल किया गया था।
19 साल की उम्र में बनी नक्सली
सुनीता मूल रूप से बीजापुर जिले के गोमवेटा भैरमगढ़ की रहने वाली है। उसने 2022 में माओवादी संगठन जॉइन किया था, उस समय उसकी उम्र करीब 19 साल थी। छह महीने की ट्रेनिंग के बाद उसे कुख्यात नक्सली रामदेर की सुरक्षा गार्ड के रूप में तैनात किया गया था। वह संगठन की एक्शन टीम की सदस्य थी और कई हमलों में शामिल रही। सुनीता जीआरबी डिवीजन के मलाजखंड दर्रेकसा दल की सबसे सक्रिय सदस्य मानी जाती थी और छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश के बालाघाट में भी उसका प्रभाव था।
4 बजे सुबह किया सरेंडर का फैसला
पुलिस के मुताबिक, 1 नवंबर की सुबह करीब 4 बजे सुनीता ने माओवादी संगठन को छोड़ने का फैसला किया। उसने जंगल में अपनी वर्दी और हथियार छिपाए और फिर सीधे चौरिया कैंप पहुंचकर एसपी के सामने सरेंडर कर दिया। सुनीता ने पुलिस को अपनी इंसास राइफल, तीन मैगजीन, वर्दी और पिट्ठू बैग सौंपे और समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया।
नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों का असर अब स्पष्ट दिखने लगा है। सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई के चलते माओवादी संगठनों में मतभेद बढ़ रहे हैं और कई सक्रिय सदस्य सरेंडर कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि सुनीता का आत्मसमर्पण इस अभियान की एक बड़ी सफलता है, जो आने वाले समय में अन्य नक्सलियों को भी मुख्यधारा में लौटने की प्रेरणा देगा।






