MP में बिजली आदेश पर बवाल: किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली दी तो कटेगा कर्मचारियों का वेतन

भोपाल। मध्य प्रदेश में MP Electricity Order को लेकर बवाल मच गया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर ए.के. जैन द्वारा जारी आदेश के बाद किसानों और विपक्ष में नाराजगी फैल गई है। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि यदि किसानों को 10 घंटे से अधिक बिजली सप्लाई की गई, तो संबंधित कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा।
आदेश के अनुसार, अगर किसी दिन किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली दी जाती है तो ऑपरेटर की एक दिन की सैलरी काटी जाएगी। दो दिन तक ऐसा होने पर जूनियर इंजीनियर की, पांच दिन तक ऐसा करने पर डीजीएम की, और सात दिन तक ऐसा करने पर जीएम की एक दिन की सैलरी काटी जाएगी। इस आदेश को भोपाल, ग्वालियर, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, रायसेन, हरदा, विदिशा, अशोकनगर, गुना, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और दतिया के महाप्रबंधकों को भेजा गया है।
आदेश में राज्य शासन के निर्देशों का हवाला भी दिया गया है। हालांकि, आदेश जारी होते ही किसानों में आक्रोश फैल गया। किसानों का कहना है कि पहले ही बेमौसम बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है, अब बिजली पर रोक उनके लिए नई परेशानी बन गई है।
वहीं, विपक्ष ने इस फैसले पर सरकार को घेरा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश के किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। अगर बिजली की कमी नहीं है, तो ऐसा आदेश क्यों जारी किया गया? उन्होंने इसे बिजली कर्मचारियों और किसानों दोनों के साथ अन्याय बताया।
बिजली आदेश पर मचा यह विवाद अब सियासी रंग लेता जा रहा है, जबकि किसान लगातार इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।






