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‘माघी पूर्णिमा’ पर इस बार चार विलक्षण संयोग : आज लाखों श्रद्वालु लगाएंगे आस्था की डूबकी, सूर्य देव को देंगे अर्घ्य, स्नान, दान और ध्यान का भी विशेष महत्व

केशव पाल @ तिल्दा-नेवरा | हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ का महीना साल का ग्यारहवां महीना होता है। हर साल 12 पूर्णिमा तिथि आती हैं। माघ मास में आने के कारण इस तिथि को माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा कहा जाता है। इस वर्ष माघ पूर्णिमा आज 5 फरवरी रविवार को पड़ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु एवं चंद्र देव की पूजा की जाएगी। मान्यता है कि, माघ पूर्णिमा के दिन स्नान, दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। माघ माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि को बेहद खास बताया गया है। इस दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ के महीने में दान-पुण्य करने से जीवन में सुख-समृद्धि हमेशा बनी रहती है। इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसी तिथि को संत रविदास दास जी की जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान, पुण्य, हवन और पूजा पाठ का भी विशेष महत्व बताया गया है। माघी पूर्णिमा पर्व पर इस बार आयुष्मान योग बन रहा है। माघ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माघी पूर्णिमा पर आज जगह-जगह श्रद्वालु आस्था की डूबकी लगाएंगे। इस बार माघी पूर्णिमा पर खास संयोग भी बना हुआ है। धर्म ग्रंथों और पुराणों में जिक्र मिलता है कि सतयुग से लेकर कलयुग तक सभी युगों में माघ मास की पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है। माघ का महीना कार्तिक मास के समान ही पुण्यदायी और दुखों से पार लगाने वाला होता है। माघ के महीने में श्रीहरि जल में निवास करते हैं। माघ मास की पूर्णिमा के दिन देवलोक से देवता भी पृथ्वी पर आकर पवित्र नदियों और संगम में स्नान करते हैं। इसकी वजह यह है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में अमृत की वर्षा होती है। इससे सूर्योदय के समय स्नान करने से रोग और पाप दोनों का क्षय होता है। माघ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा बड़ी पूर्णिमा में से एक है। सनातन धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। मघा नक्षत्र में पड़ने के चलते इस माह को माघ कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि माघ पूर्णिमा तिथि को गंगा स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप कट जाते हैं। साथ ही व्यक्ति को मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में निहित है कि माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन महज स्पर्श करने से जातक को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

माघी पूर्णिमा पर चार दुर्लभ संयोग

ज्योतिषाचार्य पंडित रमेश तिवारी ने बताया कि, इस बार माघी पूर्णिमा पर चार शुभ संयोग बन रहें हैं। आयुष्मान योग, सौभाग्य योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि पुष्य योग भी पड़ रहा है। ऐसे में एक ही दिन चार विलक्षण योग बनने से इस बार माघी पूर्णिमा और भी बेहद खास बन रहा है।

स्नान, ध्यान और दान का महत्व

ज्योतिषियों के मुताबिक इस दिन स्नान, ध्यान, दान, हवन, व्रत और जप-तप आदि का विशेष महत्व है। इस दिन शाही स्नान होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता धरती के गंगा घाट पर आते हैं, इसलिए यहां शाही स्नान का मेला लगता है। इस दिन पूजा-पाठ और दान आदि का विशेष फल मिलता है। साथ ही कंबल, तिल, तेल, गेहूं, वस्त्र, जूता का दान करना अत्यंत शुभ फलदायी होगा। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन, पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान देना चाहिए। माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इस दिन स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।

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