बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पहली बार बिना हिंसा, मौत और दोबारा मतदान के सम्पन्न हुए चुनाव

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों ने नया इतिहास रच दिया है। इस बार मतदान के दौरान कोई हिंसा, मौत या किसी भी सीट पर दोबारा मतदान (रिपोलिंग) नहीं हुआ। इससे पहले हर चुनाव में राज्य में हिंसा, कई मौतें और कुछ बूथों पर रिपोलिंग की घटनाएँ सामने आती रही थीं। लेकिन इस बार चुनाव आयोग की सख्ती और प्रशासन की तैनाती से माहौल पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।
पिछले चुनावों की तुलना में बदलाव:
- 1985 के चुनाव में 63 लोगों की मौत और 156 बूथों पर रिपोलिंग हुई थी।
- 1990 में 87 मौतें दर्ज की गई थीं।
- 1995 में हिंसा के चलते चुनाव चार बार टाले गए थे।
- 2005 में 660 बूथों पर दोबारा मतदान हुआ था।
वहीं, इस बार 2025 के चुनाव में ना कोई मौत हुई और ना ही किसी भी सीट पर रिपोलिंग का आदेश जारी हुआ। एनडीए सरकार ने इसे राज्य में कानून-व्यवस्था की मजबूती और “सम्मान और स्वाभिमान की वोटिंग” के रूप में पेश किया है।
बिहार की राजनीति में यह बदलाव राज्य की ग्रामीण आबादी के बढ़ते समर्थन को भी दर्शाता है। इस शांतिपूर्ण चुनावी प्रक्रिया को लोकतंत्र की मजबूती और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।






