सबसे अलग था नक्सली हिडमा का प्रोटोकाल, तीन लेयर की सुरक्षा, आम नक्सली भी नहीं मिल सकते थे, जाने हिड़मा की रहस्यमयी बातें…

खूंखार नक्सली नेता हिड़मा को मार गिराने की खबर है। छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर इस समय दो अलग-अलग मुठभेड़ चल रही हैं। पहली मुठभेड़ छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर हुई, जिसमें हिड़मा और उसकी पत्नी राजे उर्फ रजक्का के मारे जाने की बात सामने आई है। दोनों के मारे जाने की फोटो भी सामने आई है। हालांकि, हिड़मा के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
दूसरी मुठभेड़ सुकमा जिले के एर्राबोर थाना क्षेत्र में चल रही है। 18 नवंबर की सुबह हुई इस गोलीबारी में 6 नक्सली मारे गए हैं। सुरक्षा बल अभी भी मौके पर मौजूद हैं और सर्च ऑपरेशन जारी है।
छत्तीसगढ़ के टॉप नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा को लेकर सामने आई जानकारियां चौंकाने वाली हैं। हिडमा का प्रोटोकॉल बाकी नक्सली नेताओं से बिल्कुल अलग और बेहद कड़ा था।
खास खाना और सुरक्षा घेरा:
हिडमा के कैंप में उसके लिए खास तरह का खाना अलग से बनता था, जिसे उसकी सुरक्षा में तैनात नक्सली ही बनाते थे।
तीन लेयर की सुरक्षा:
उसके आसपास हमेशा थ्री लेयर यानी तीन घेरे की सुरक्षा रहती थी। A, B और C सेक्शन में हिडमा के बॉडीगार्ड्स तैनात किए जाते थे, हर सेक्शन में 10 अनुभवी और पूरी तरह से हथियारबंद नक्सली होते थे।
आधुनिक हथियारों से लैस बॉडीगार्ड:
हिडमा के सभी सुरक्षा गार्डों के पास अत्याधुनिक हथियार होते थे, जिससे हर समय किसी भी तरह के हमले को ज़बरदस्त जवाब दिया जा सके।
मिलने की सख्त शर्त:
हिडमा से आम नक्सली नहीं मिल सकते थे। सिर्फ ACM (एरिया कमेटी मेंबर) स्तर के बड़े नक्सली ही उससे मिलने की इजाजत रखते थे।
नक्सल संगठन की सख्त व्यवस्था:
संगठन के शीर्ष सदस्य हिडमा के आसपास रहते, जिसके कारण उसकी सुरक्षा और गोपनीयता हमेशा बनी रहती थी।
यह सुरक्षा घेरे, खास प्रोटोकॉल और बेहद गुप्त कैंप स्ट्रक्चर के कारण ही सुरक्षा एजेंसियों के लिए हिडमा तक पहुंचना हमेशा सबसे बड़ी चुनौती रहा। लेकिन अंततः आज सुरक्षाबलों ने हिडमा और उसकी पत्नी को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया। यह सख्त सुरक्षा और प्रोटोकॉल हिडमा को संगठन के सबसे खतरनाक और रहस्यमय कमांडर बनाते थे।






