Chhattisgarh : रावतपुरा सरकार के साथ देशभर के 10 राज्यों के 7 मेडिकल कॉलेजों में ईडी की दबिश

देशभर में मेडिकल कॉलेजों की मान्यता और निरीक्षण में हुई कथित गड़बड़ियों की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को देश के 10 राज्यों में एक साथ छापेमारी अभियान चलाया। कार्रवाई की सबसे ज्यादा सुर्खियां छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुई रेड से जुड़ी हैं, जहां निजी मेडिकल कॉलेजों और उससे जुड़े लोगों के ठिकानों पर टीमों ने दस्तावेजों की बारीकी से जांच की।
छत्तीसगढ़ समेत 10 राज्यों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 15 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। मेडिकल कॉलेज स्कैम मामले में यह कार्रवाई की गई है। दिल्ली से पहुंची ED की टीम रायपुर में जांच कर रही है। यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की 30 जून को दर्ज की गई एक FIR से जुड़ी है, जिसमें प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों से संबंधित मामलों की जांच हो रही है।
FIR में आरोप है कि नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के कुछ अधिकारी और अन्य सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेकर मेडिकल कॉलेजों को इंस्पेक्शन से जुड़ी गोपनीय जानकारी लीक करते थे। इस जानकारी की मदद से मेडिकल कॉलेजों के कुछ मैनेजर और बिचौलिए पैरामीटर्स में हेरफेर करते थे। इसी के जरिए कॉलेजों में अकादमिक कोर्स की मंजूरी हासिल कर लेते थे।
ED की तलाशी जिन स्थानों पर चल रही है, उनमें अलग-अलग राज्यों के 7 मेडिकल कॉलेज, और FIR में नामित कई व्यक्तियों के ठिकाने शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जांच चल रही है।
ED की रेड: किन राज्यों और किन ठिकानों पर
ED ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में करीब 15 से ज्यादा लोकेशन पर तलाशी ली।
जिन परिसरों पर रेड हुई, उनमें अलग-अलग राज्यों के कई निजी मेडिकल कॉलेजों के दफ्तर, हॉस्पिटल कैंपस और संबंधित अधिकारियों/बिचौलियों के आवासीय और व्यावसायिक ठिकाने शामिल हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार, जांच टीमों ने बड़ी मात्रा में डिजिटल डेटा, वित्तीय लेनदेन से जुड़े दस्तावेज और निरीक्षण रिपोर्ट से संबंधित कागजात जब्त किए हैं।
कथित घोटाला क्या है
यह कार्रवाई उस FIR से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है, जिसमें मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दिलाने और अकादमिक कोर्स संचालित करने की मंजूरी दिलाने के बदले राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) सहित कुछ सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के गंभीर आरोप हैं।
आरोप है कि निरीक्षण से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं पहले से ही कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन और बिचौलियों तक पहुंचा दी जाती थीं, जिससे वे OPD‑IPD, फैकल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर के आंकड़ों में हेरफेर कर अनुकूल रिपोर्ट हासिल कर लेते थे।






