श्रम विभाग की कैग रिपोर्ट में गड़बड़ी का खुलासा: करोड़ों की राशि खर्च नहीं कर पाई सरकार

छत्तीसगढ़ श्रम विभाग CAG ऑडिट में गड़बड़ी: असंगठित मजदूरों के 229 करोड़ में सिर्फ 210 खर्च, 22% रजिस्ट्रेशन। साइकिल, सिलाई मशीन योजनाएं फेल, रायपुर में 695 साइकिलें 6 साल गोदाम में। पूरी रिपोर्ट पढ़ें!
रायपुर। राज्य के श्रम विभाग की ताज़ा कैग (CAG) ऑडिट रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, असंगठित मजदूरों के कल्याण के लिए 229 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, लेकिन तत्कालीन सरकार इस राशि में से केवल 210 करोड़ रुपये ही खर्च कर सकी। इसी तरह, संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए 45 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिसमें से मात्र 21.5 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राज्य सरकार असंगठित क्षेत्र के केवल 22 प्रतिशत श्रमिकों का ही पंजीयन करा सकी। इससे बड़ी आबादी अब भी सरकारी लाभ और कल्याण योजनाओं से वंचित है।
कैग के निष्कर्षों के मुताबिक, जिन योजनाओं का उद्देश्य मजदूरों को सामाजिक और आर्थिक सहायता देना था — जैसे विवाह सहायता, साइकिल वितरण, सिलाई मशीन अनुदान और औजार उपकरण वितरण — वे योजनाएं वर्षों तक सुचारू रूप से नहीं चल पाईं।
स्थिति यह रही कि रायपुर में 695 साइकिलें छह वर्षों तक गोदाम में पड़ी रहीं, जिन्हें लाभार्थियों तक वितरित नहीं किया जा सका। इससे न केवल सरकारी संसाधनों का सदुपयोग नहीं हुआ, बल्कि योजनाओं का मूल उद्देश्य भी अधूरा रह गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि श्रमिक कल्याण योजनाओं में इस तरह की लापरवाही सरकार की प्राथमिकता और निगरानी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। वहीं, श्रम विभाग का कहना है कि रिपोर्ट पर कार्यवाही के लिए समीक्षा प्रक्रिया जारी है और आगे सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।






