छत्तीसगढ़बस्तर संभाग

Video – कोंडागांव में हजारों लोगो ने तालाब में एक साथ पकड़ी मछली, 14 वर्षों बाद मनाया गया अनुठा “बंधा मतऊर मेला”

फनेश्वर निषाद -फरसगांव। कोंडागांव जिले के ग्राम बरकई में वर्षों से चली आ रही अनोखी परंपरा बंधा मतऊर मेला 14 वर्षों के बाद फिर से दोहराई गई है। बरकई के ग्रामीण सहित आस-पास के अनेक गांव के लोग इस मेले में शामिल हुए। लगभग तीन हजार से ज्यादा लोगों ने मिलकर एक साथ तालाब में मछली पकड़ी और पुरानी परंपरा का निर्वहन किया गया।
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बता दें कि, गाजे-बाजे के साथ ग्राम प्रमुख मालगुजार रामप्रसाद पांडे को सभी ग्रामीणों के साथ तालाब के पास पहुंचे। फिर मालगुजार ने विधिवत पूजा-अर्चना की, जैसे ही बाजा बजाने वालों ने मां दंतेश्वरी की धुन बजाई तो मालगुजार ने वहां मौजूद सभी ग्रामीणों को मछली पकड़ने की अनुमति दी। ग्रामीणों ने जाल बिछाकर मछली पकड़ना शुरू किया, जिसमें बुजुर्ग महिला, युवा और बच्चे सभी शामिल हुए। लगभग दो घंटे बाद मालगुजार ने तलाब के पानी को हाथ लगाया, जिसके बाद ग्रामीणों ने मछली पकड़ना बन्द कर दिया। ग्रामीणों का मानना है बंधा मतऊर मेला पर्व में कम समय में ग्रामीणों ने तालाब से बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी मछली पकड़ी है। हर एक व्यक्ति के ने कम-से-कम दस किलो तक मछली पकड़ी है।

शीतला माता के आदेश पर फिर से परंपरा की शुरूआत
इससे पहले बंधा मतऊर मेला का आयोजन वर्ष 2008 में किया गया था। इसके बाद शासन-प्रशासन की विसंगति के कारण तालाब को लीज में दे दिया गया था, जिसके चलते 14 सालों तक इस परंपरा का निर्वहन नहीं हो पाया था। लेकिन इस वर्ष ग्राम बरकई में सरपंच बलिराम ने बैठक बुलाई और योजना बनाकर शीतला मंदिर में माता शीतला के आदेश पर फिर से इस परंपरा की शुरूआत की

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