घट गई बिजली की लागत, घरेलु उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
रायपुर। बिजली उत्पादन की लागत में कमी की खबर है। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार बिजली बिल में वेरियेबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (वीसीए) शुल्क के स्थान पर अब ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार (एफपीपीएएस) अधिरोपित किया जा रहा है। बीते महीने छत्तीसगढ़ पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने बिजली लागत में 16 पैसे प्रति यूनिट की कमी की हुई थी। लिहाजा अगस्त की खपत पर उपभोक्ताओं को 14.23 प्रतिशत की जगह 11.43 प्रतिशत ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार लगेगा। यानी उपभोक्ताओं से 400 यूनिट खपत पर 10 से 12 पैसे प्रति यूनिट की दर से कमी आएगी ।
पूर्व में राज्य नियामक आयोग के अनुसार बिजली क्रय की निर्धारित दर तथा वास्तविक क्रय की दर के अंतर का समायोजन वीसीए के माध्यम की जाती थी। परन्तु केंद्रीय विद्युत मंत्रालय विद्युत (संशोधन) नियम 2022 के अनुसार आयोग ने निर्धारित फार्मूले के अनुसार टैरिफ आदेश में ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार लेने के निर्देश दिए हैं। अब आयोग व्दारा निर्धारित विद्युत क्रय दर एवं पारेषण दर से वास्तविक विद्युत क्रय दर एवं पारेषण दर में अन्तर की राशि को एफपीपीएएस के माध्यम से सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं पर उनके द्वारा खपत की गई विद्युत के उर्जा प्रभार पर प्रतिशत अनुसार किये जाने की व्यवस्था की गई है।
जून महीने में ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार 14.23 प्रतिशत की दर से ली गई थी, जो जुलाई महीने में 11.43 प्रतिशत हो गई है। इसका कारण छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी की बिजली 5.41% सस्ती हुई है एवं एनटीपीसी की बिजली 7.87% और अंतरराज्यीय स्रोतों से प्राप्त बिजली की दरों में 2.67% की कमी हुई है।
अतः जुलाई में की गई बिजली खपत में ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार 53 पैसे के स्थान पर 43 पैसे प्रति यूनिट लगाया जाएगा। इस तरह 100 एवं 200 यूनिट खपत पर 10पैसे प्रति यूनिट, 300 यूनिट पर 12 पैसे और 400 यूनिट पर 13 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिल में कमी संभावित है। 500 से एक हजार यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं के बिल में 18 से 24 पैसे प्रति यूनिट की दर से ईंधन एवं विद्युत क्रय समायोजन अधिभार में कमी संभावित है।