छत्तीसगढ़बिलासपुर संभाग

करोड़ो के धान खरीदी में गड़बड़ी करने वालों पर बड़ी कार्रवाई, 5 गिरफ्तार, नप गए 33 कर्मचारी

धान खरीदी में करीब 3.32 करोड़ के गबन की घटना के बाद जिला प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही की है। दो अलग-अलग मामलों में शामिल पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। धान खरीदी में पारदर्शिता के लिए कलेक्टर तारणप्रकाश सिन्हा ने 33 कर्मचारियों को खरीदी कार्य से अलग कर दिया गया है। इनके खिलाफ लापरवाही और अनियमितता की शिकायतें हैं। वहीं, 42 कर्मचारियों का स्थान परिवर्तन कर दिया गया है।
धान खरीदी में पारदर्शिता के लिए इस बार व्यापक इंतजाम किए गए हैं। साथ ही, धान खरीदी वर्ष 2021-22 में जो गड़बड़ियां हुई हैं, उसमें पुलिस कार्रवाई की जा रही है। इसमें सबसे बड़ी गड़बड़ी नवागढ़ थाना क्षेत्र के तुलसी धान खरीदी केंद्र में आई है। सेवा सहकारी समिति तुलसी और किरीत में फर्जी नवीनीकरण करते हुए 1294.71 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। इसका समर्थन मूल्य 2.51 करोड़ है। इतनी राशि की सरकार को आर्थिक क्षति हुई। इस मामले में तुलसी केंद्र प्रभारी रामायण कश्यप और नागेश को गिरफ्तार किया गया है, जबकि लोक सेवा केंद्र तहसील नवागढ़ के रामकुमार कुर्रे, प्रहलाद कश्यप और गांधी दास महंत धान खरीदी केंद्र तुलसी अभी फरार है। पुलिस इनकी तलाश में छापेमारी कर रही है।
इसी तरह शिवरीनारायण क्षेत्र में धान खरीदी केंद्र राहौद में जांच के दौरान 2021-22 में धान स्टॉक में बड़े पैमाने पर कमी का खुलासा हुआ। जब जांच की गई तब पता चला कि 2816.40 क्विंटल धान और बारदाना गायब है। इसकी कीमत 77 लाख से ज्यादा है। जांच में यह पाया गया कि खरीदी केंद्र प्रभारी रामायण प्रसाद यादव जिम्मेदार है। रामायण और उसके सहयोगी सखाराम साहू व राजेश साहू गिरफ्तार कर लिए गए हैं। जबकि अन्य आरोपी सत्येंद्र सिंह चंदेल, विपिन सिंह चंदेल और यदुराशि सिंह अभी फरार हैं।
एक अन्य मामला बलौदा क्षेत्र के कोरबी धान खरीदी केंद्र का है। यहां जांच में चार लाख के गबन की जानकारी सामने आई है। फर्जी पंजीयन के जरिए धान बेचने के बाद सहकारी केंद्रीय बैंक बलौदा से राशि भी निकाल ली गई। इस मामले में पूजा अग्रवाल, जितेंद्र अग्रवाल, विकास सिंह, एसके जोगी, मनोज अग्रवाल और सीमा अग्रवाल के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। फिलहाल इस मामले में किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा ने बताया कि इस साल धान खरीदी में पारदर्शिता के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में जांच टीम बनाई गई है। ये टीमें धान खरीदी केंद्रों की लगातार जांच कर रही है। पिछले साल जिन कर्मचारियों की खिलाफ अनियमितता की शिकायतें थीं, उन्हें हटा दिया गया है। साथ ही, कुछ कर्मचारियों का स्थान परिर्वतन किया गया है।


12.02 करोड़ की बचत
जांजगीर जिले में धान उपार्जन केंद्रों में पंजीयन और गिरदावरी की सघन जांच और सुधार कार्य के बाद पंजीकृत रकबा 12798.40 हेक्टेयर की तुलना में इस साल 126407.73 हेक्टेयर में धान खरीदी की जा रही है। पिछले साल की तुलना में 1573 हेक्टेयर की कमी हुई है। इससे शासन के 12.02 करोड़ की बचत होगी।
जिले में पिछले साल 123 धान उपार्जन केंद्र थे। इस बार तीन नए केंद्र भुइगांव, सेमरिया और सोनसरी में धान खरीदी की जा रही है। इस तरह अब जिले में 126 केंद्रों में धान खरीदी की जा रही है।

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