एक माह के लिए विवाह पर लग जाएगी ब्रेक : 16 दिसंबर से शुरू हो रहे खरमास, 14 जनवरी को होंगे समाप्त, 15 दिसंबर आखिरी मुहूर्त, 15 जनवरी से फिर से बजेंगी शहनाई
केशव पाल, NEWS 36 @ रायपुर | खरमास शुरू होते ही मांगलिक कार्यों पर फिर से रोक लग जाएगी। जैसे ही देवउठनी एकादशी के साथ 4 मास का चातुर्मास समाप्त हुआ। इसके साथ ही शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो गए थे। लेकिन दिसंबर माह के बीच में एक बार फिर से इन पर ब्रेक लग जाएगी। जो नए साल 2023 की 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद से शुरू होंगे। जब सूर्य धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास शुरू हो जाते हैं। ऐसा साल में दो बार होता है। इस पूरे माह को मलमास खरमास या फिर अधिक मास कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, खरमास 16 दिसंबर से शुरू हो रहे हैं जो 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन समाप्त होंगे। ज्योतिषियों के अनुसार 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहे हैं, तो खरमास आरंभ हो जाएगा और 14 जनवरी को मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करते ही खरमास समाप्त हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर मास में एक बार संक्रांति होती है यानी जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। 12 माह में 12 राशियों में सूर्यदेव प्रवेश करते हैं। ऐसे ही जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास लगता है। ऐसी स्थिति में शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। विवाह के लिए 15 दिसंबर को साल का आखिरी मुहूर्त है। यानी 16 दिसंबर से शादियों पर ब्रेक लगेगा। 16 दिसंबर से सूर्य अपनी स्थिति बदलेगा और धनु राशि में प्रवेश करेगा। ज्योतिषि पंडित रमेश तिवारी ने बताया कि, हिंदू पंचांग के अनुसार जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास की शुरुआत होती है। इस अवधि में सूर्य देव का प्रभाव कम होता है, इसलिए शुभ कार्य नहीं करते हैं। धनु राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति है। मान्यता है कि सूर्य देव जब भी बृहस्पति की राशि पर भ्रमण करते हैं, तो मनुष्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता। ऐसे में उनका सूर्य कमजोर हो जाता है। सूर्य के मलीन होने के कारण इसे मलमास के नाम से भी जाना जाता है। साल में दो बार खरमास लगता है पहला मार्च से अप्रैल के मध्य तक और दूसरा मध्य दिसंबर से जनवरी के मध्य तक। ज्योतिषियों के मुताबिक अधिमास में विवाह, मुंडन सहित सभी मांगलिक कार्यों पर पुर्णतः रोक लग जाएगी। एक माह के बाद 15 जनवरी से फिर से शहनाई बजना शुरू हो जाएगी। सूर्य 14 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके साथ ही 15 जनवरी से वैवाहिक कार्यों के अलावा, गृह प्रवेश, मुंडन, छेदन संस्कार सहित अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।