रेलवे को बंद करना चाह रही है मोदी सरकार : कांग्रेस
रायपुर। फिर से छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनो को रद्द किये जाने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह मोदी सरकार की तानाशाही और छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया है पिछले 3 साल से अधिक समय से छत्तीसगढ़ की ट्रेनों को बिना किसी ठोस कारण के रद्द किया जाता है वर्तमान में एक बार फिर 18 ट्रेनों को 27 दिनों से लेकर 4 महिनों के लिये रद्द कर दिया गया। 40 ट्रेने पहले से रद्द है। यह छत्तीसगढ़ की जनता के साथ नाईसांफी है। सारनाथ और नौतनवा तथा दुर्ग निजामुद्दीन जैसी ट्रेनों को रद्द करने का फरमान जारी हो चुका है। सारनाथ से प्रतिदिन राज्य के सैकड़ो लोग अपने मृत परिजनों की अस्थियां विसर्जित करने प्रयागराज जाते है। ट्रेन रद्द होने के कारण लोगो को परेशान होना पड़ेगा।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के सांसद बताये कि वे ट्रेनो को रद्द होने पर आवाज क्यों नही उठाते क्या प्रदेश की जनता ने उन्हे केवल वेतन भत्ता और सांसदी के रसूख का मजा लेने के लिये चुना है। ट्रेनो को रद्द होने पर सांसद आवाज नही उठायेंगे तो कौन आवाज उठायेगा? बीते 3 साल और 5 माह में रायपुर से होकर गुजरने वाली 64382 ट्रेन को रद्द कर दिया गया लोकल ट्रेनों को खड़ी कर दिया गया और सिर्फ मालगाड़ी को चलाया गया ताकि प्रदेश से कोयला बॉक्साइट आयरन ओर को ले जाया जा सके और रेल यात्री को हो रही असुविधा को नजरअंदाज किया गया। जब भी ट्रेनें रद्द हुई तब भाजपा के 9 सांसद मौन रहते थे और प्रदेश की रेल यात्री की समस्याओं पर चर्चा करने से भागते थे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने का साजिश रच रही है। वर्षों से भारतीय रेलवे आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था जिसे मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। बिना कोई कारण बताये, बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है। रेलवे द्वारा यात्री ट्रेनों को महीनों, हफ्तों तक बंद करने का फरमान जारी कर दिया जाता है। महीनों पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन कराये नागरिकों की परेशानी से रेलवे को और केंद्र सरकार कोई मतलब नहीं रहता है। रेलवे यात्रियों के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है।