रतनपुर – नवरात्रि के नवमी तिथि में माँ महामाया दिव्य व अलौकिक स्वरूप में दी दर्शन, राजसी श्रृंगार के दर्शन के लिए भक्तों की लगी भीड़
गुरुदेव सोनी, बिलासपुर – धर्म नगरी रतनपुर की पावन भूमि में विराजित मां महामाया देवी दया व करुणा की साक्षात प्रतिमूर्ति है,जहां नवरात्रि महोत्सव के नवमी तिथि पर आज मां महामाया सोलह सिंगार से युक्त अपने भक्तों को ममता भरी प्यारी मूरत के संग दिव्य व अलौकिक स्वरूप में दर्शन दी
बता दें कि चैत्र वासंती नवरात्रि के नवमी तिथि पर आज मां महामाया का राजसी श्रृंगार किया गया , जिसमें लगभग पांच किलो स्वर्ण आभूषणों द्वारा सोलह श्रृंगार से युक्त मां जगदंबा का यह दिव्य ,नैना भिराम,अलौकिक स्वरूप देखते ही बन रहा था जो नवरात्रि पर्व के नवमी तिथि ही एक ऐसा शुभ दिन होता है जिसमें मां भगवती सिर से लेकर पैर तक केवल रत्नजड़ित आभूषण ही नजर आता है इस राजसी श्रृंगार में देवी माँ को नवीन वस्त्र के साथ स्वर्ण मुकुट, रानी हार, चंद्रहार, मोहर हार, कंठ हार, के अलावा कुंडल, नथ, बाजूबंद, पायल आदि से माता रानी का दिव्य स्वरुप अलंकृत हो रहा था,जिसकी एक झलक पाने के लिए सुबह से ही भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा था। और भक्तजन अपना सुध-बुध खोकर अपलक माता रानी के दिव्य स्वरूप को निहारते रहे। तथा मातारानी का आशीर्वाद प्राप्त किये और मां जगदंबा के समक्ष आने वाले प्रत्येक भक्त को एक दिव्य शक्ति का अनुभूति हुआ ।
माता रानी के राजसी सिंगार के बाद भोग अर्पित किया गया उसके पश्यात महाआरती की गई उसके बाद उपस्थित ब्राह्मणों को भोजन कराया गया, तथा देवी स्वरूप कुंवारी कन्याओं को मंदिर अध्यक्ष आशीष सिंह के द्वारा विधिवत आरती करके उन्हें भोजन कराया गया उसके पश्चात सभी कन्याओं को उपहार व दक्षिणा देकर विदा किया गया, और अंत मे ज्योति विसर्जन का कार्य सम्पन्न हुआ।