छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

छत्तीसगढ़ में मनरेगा के अंतर्गत 4 साल का टूटा रिकार्ड, मानव दिवस रोजगार के अवसर सृजन कर रचा नया कीर्तिमान

रायपुर,14 जून 2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने फिर से विकास की रफ्तार पकड़ ली है। इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में मनरेगा के अंतर्गत 4 साल का रिकार्ड टूटा है। छत्तीसगढ़ में मनरेगा न सिर्फ मजदूरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है बल्कि उनके जीवन में व्यापक बदलाव भी ला रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के क्रियान्वयन में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अप्रैल में 2 करोड़ 57 लाख तथा माह मई में 3 करोड़ 15 लाख रोजगर सृजित हुआ इसप्रकार मई तक 5 करोड़ 82 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजन कर विगत चार वित्तीय वर्ष के माह अप्रैल और मई में हुए सृजित मानव दिवस का आंकड़ा प्राप्त कर नई उपलब्धि हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में मई माह तक 4 करोड़ 81 लाख, वर्ष 2022-23 में मई माह तक 1 करोड़ 19 लाख, वर्ष 2023-24 में मई माह तक 4 करोड़ 49 लाख तथा 2024-25 में मई माह तक 5 करोड़ 72 लाख रोजगार का सृजन हुआ है। मनरेगा अंतर्गत विगत 6 माह में 10 करोड़ 93 लाख मानव दिवस सृजित हुआ वही 1 लाख 73 हजार निर्माण कार्य पूर्ण हुआ।

प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक आजीविका संवर्धन एवं रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही जल संरक्षण की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं। अमृत सरोवर के निर्माण में प्रतिदिन लगभग 59 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है, जो देशभर में सर्वाधिक है। अमृत सरोवर के क्रियान्वयन में प्रदेश के कार्यों का केंद्र स्तर पर सराहना की गई है। आगामी चार वर्षों में 8966 ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायतों को इस योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री विजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नियद नेल्लानार योजनान्तर्गत माओवाद प्रभावित ईलाके के 87 ग्रामों को चिन्हित कर मनरेगा योजना से वृहद पैमाने पर कार्यों की स्वीकृति कर नियमित रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं,जिससे उक्त अंदरूनी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को रोजगार सुलभ हो रहा है। मनरेगा अंतर्गत वनाधिकार पट्टाधारी परिवारों को हितग्राहीमूलक कार्यों के माध्यम से जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश स्तर से विभागीय अधिकारियों को नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में मनरेगा को रोजगार सृजन के साथ आजीविका संवर्धन हेतु दूरगामी मंशा के अनुरूप कार्यान्वयन के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में नियमित समीक्षा और राज्य स्तर से बेहतर क्रियान्वयन रणनीति का परिणाम है कि मनरेगा नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

प्रदेश की नई औद्योगिक नीति का पहला ड्राफ्ट 31 जुलाई तक होगा तैयार
रायपुर, 14 जून 2024/ उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने प्रदेश की नवीन औद्योगिक नीति 2024-29 के पहले ड्राफ्ट को 31 जुलाई तक जारी करने के निर्देश विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। नई औद्योगिक नीति के लिए उद्योग विभाग द्वारा लगातार अलग-अलग उद्योग संगठनों से विचार-विमर्श कर उनके अमूल्य सुझाव लिए जा रहे हैं, अब तक प्रदेश के 20 अलग-अलग उद्योग संघों से सुझाव लिए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिसा, मध्यप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों के उद्योग नीति पर स्टडी भी विभाग द्वारा की जा रही है। राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों और उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में निवेश प्रोत्साहन बढ़ाने की दिशा में जोर दिया जा रहा है।

उद्योग मंत्री श्री देवांगन ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं की नई औद्योगिक नीति में हर सेक्टर पर फोकस होना चाहिए। नए सेक्टर जैसे फार्मास्युटिकल, एग्रीकल्चर, टेक्सटाइल समेत अन्य सेक्टरों के उद्योग ज्यादा से ज्यादा लगें, ताकि रोजगार भी अधिक लोगों को मिले और प्रदेश में निवेश भी बढ़े। इन सेक्टरों के उद्योग लगने से प्रदूषण के बढ़ने की संभावना भी कम रहेगी।

नई औद्योगिक नीति के लिए इस मेल आईडी पर भेज सकते हैं सुझाव
उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने बताया की नई औद्योगिक नीति 2024-29 के लिए मेल आईडी suggestions.Cgindpolicy2024@gmail.com पर या फिर सीधे विभाग में अपने अमूल्य सुझाव दे सकते हैं।

उद्योग मंत्री स्वयं जाएंगे अन्य राज्य, उद्योग प्रतिनिधियों से लेंगे सुझाव
नई नीति के लिए उद्योग मंत्री श्री देवांगन स्वयं अन्य राज्यों का दौरा कर वहां के उद्योग प्रतिनिधियों से मुलाकात कर सुझाव लेंगे। ताकि उन राज्यों के उद्योग नीति के अच्छे और प्रोत्साहन परक अनुदान मांगों पर अध्ययन परीक्षण किया जा सके। अभी हाल ही में मंत्री श्री देवांगन ने नई दिल्ली में आईसीसी के प्रतिनिधियों से नई नीति हेतु विचार विमर्श किया था।

सभी मंत्रीगण और विभागों से भी लिए जाएंगे राय
प्रदेश की नई औद्योगिक नीति के लिए सभी विभागों और मंत्री गणों से विमर्श के पश्चात ही आगे 5 वर्षों के लिए नीति बनाई जाएगी। ताकि नीति में सभी विभागों का समावेश हो और हर सेक्टर में उद्योग लग सके।

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