Chhattisgarh News : चंदन जात्रा रस्म के साथ आज से गोंचा महापर्व की शुरुआत, 27 दिनों तक निभाई जाएगी अनोखी रस्म, सीएम साय ने दी बधाई
Chhattisgarh News : बस्तर में दूसरा सबसे बड़ा पर्व गोंचा पर्व काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है, 27 दिनों तक चलने वाले इस गोंचा पर्व की शुरुआत बस्तर में 615 साल पहले शुरू हुई थी,आज याने शनिवार को इस पर्व की पहली रस्म चंदन जात्रा पूजा विधान के साथ गोंचा पर्व की शुरुआत हो चुकी है. ओडिशा के पूरी जगन्नाथ के बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर में गोंचा पर्व धूम धाम से मनाया जाता है. इस पर्व को देखने देश विदेशो से बड़ी संख्या में पर्यटक बस्तर पहुंचते है.
बता दे कि 22 जून से शुरू हुआ यह गोंचा पर्व 17 जुलाई तक चलेगा. इस दौरान 15 से अधिक रस्म निभाई जाएगी. बस्तर में करीब 615 सालो से गोंचा पर्व में निभाई जाने वाली परंपरा को आज भी बस्तरवासी बड़े उत्साह से निभाते आ रहे हैं.
27 दिनों तक मनाया जाता है गोंचा महापर्व
रियासतकाल मे ओडिशा राज्य के जगन्नाथ पूरी के महाराजा ने बस्तर के राजा को रथपति की उपाधि दी थी. जिसके बाद ओडिशा के बाद बस्तर में गोंचा पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, 27 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में गोंचा के दिन बस्तर में तीन विशालकाय रथों पर सवार भगवान जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलभद्र की रथयात्रा निकाली जाती है. इस दौरान भगवान जगन्नाथ को बस्तर की पांरपरिक तुपकी (बांस की नली) से सलामी दी जाती है. इस बार भी चंदनयात्रा के साथ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है, हर रोज बस्तर गोंचा पर्व के तहत कई तरह के कार्यक्रम और पूजा विधान से जगन्नाथ मंदिर में आयोजित किए जाएंगे. इस दौरान इन रस्मो को देखने और रथ यात्रा को देखने बड़ी संख्या में पर्यटक बस्तर पहुंचते है.
सीएम साय ने दी बधाई
बस्तर में आज से विश्व प्रसिद्ध गोंचा पर्व की शुरूआत के मौके पर बधाई देते सीएम साय ने कहा, 617 साल से मनाए जा रहे इस पर्व में जगदलपुर के जगन्नाथ मंदिर में चंदन जात्रा विधान किया गया और देव विग्रहों को चंदन से स्नान कराया गया। इस पर्व के अंतर्गत 27 दिनों तक विभिन्न धार्मिक रस्में निभाई जाएंगी। मैं विश्वप्रसिद्ध गोंचा पर्व की शुरुआत पर बस्तर सहित समस्त प्रदेशवासियों को अपनी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ। महाप्रभु जगन्नाथ की कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे।
बस्तर में आज से विश्वप्रसिद्ध गोंचा पर्व की शुरुआत हुई। 617 साल से मनाए जा रहे इस पर्व में जगदलपुर के जगन्नाथ मंदिर में चंदन जात्रा विधान किया गया और देव विग्रहों को चंदन से स्नान कराया गया। इस पर्व के अंतर्गत 27 दिनों तक विभिन्न धार्मिक रस्में निभाई जाएंगी।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) June 22, 2024
मैं विश्वप्रसिद्ध…