बच्चों , अभिभवकों शिक्षकों के बीच सहयोग व नवाचार की भावना को बढ़ावा देना शासन की मंशा : श्रीकांत श्रीवास
सीपत :—- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के चार वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 22 से 28 जुलाई तक स्कूलों में शिक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में 28 जुलाई रविवार को संकुल केंद्र बालक सीपत के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला एवं सेजेस सीपत सहित कुल 10 स्कूलों में पूरे सप्ताह भर विविध आयोजन सम्पन्न हुए। जिसमे शिक्षकों के साथ साथ बच्चों , पालकों , रसोइया , एसएमसी के सदस्य , पंचायत प्रतिनिधियों सहित जनसमुदाय की विशेष भूमिका रही। 28 जुलाई रविवार को अवकाश होने के बाद भी इन स्कूलों में न्यौता भोज का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने पौष्टिक व स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लिया। इसके पूर्व जनप्रतिनिधियों के साथ एक पेड़ मां के नाम के तहत वृक्षारोपण भी किया गया।
संकुल समन्वयक श्रीकांत श्रीवास ने बताया कि शासन की मंशा अनुरूप शिक्षा सप्ताह मनाने का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को ज्ञान और अवसरों से सशक्त बनाना। विद्यार्थियों, अभिभवकों तथा शिक्षकों के बीच सहयोग और नवाचार की भावना को बढ़ावा देना है। प्रथम दिवस में टीएलएम का उपयोग जिसमें कबाड़ से जुगाड़ द्वितीय दिवस में एफएलएन के लक्ष्य पर जन जागरुकता अभियान तृतीय दिवस पर खेल योगाभ्यास से फिटनेस संबंधी जानकारी चतुर्थ दिवस में सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यार्थियों में विविधता में एकता की भावना विकसित करना पंचम दिवस में टैक्नोलॉजी का उपयोग छठे सातवें दिवस में ईको क्लब के गठन एवं पर्यावरण संरक्षण पर जोर एक पेड़ मां के नाम और रविवार को सातवे दिवस पर सामुदायिक सहभागिता सुनिश्चित करना जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों पंचायत प्रतिनिधियों,एस एम सी सदस्यों आदि संस्थाओं से मिलकर अधिकतम भागीदारी के साथ विद्यालय की आवश्यकतानुसार शाला को दान देने के अवसर, बच्चों को शाला समय से अतिरिक्त समय या शाला में शिक्षक के कमी होने पर अतिरिक्त शिक्षक की व्यवस्था कर उनके नियमित कोचिंग की व्यवस्था, माताओं को प्रशिक्षित कर उनके घर में उपलब्ध सामग्री से बच्चों को सीखने में सहयोग हेतु दक्ष करना, बड़े-बुजुर्गों को आमंत्रित कर उनके माध्यम से बच्चों को स्थानीय कहानियाँ सुनाने की व्यवस्था, शाला में नियमित रूप से पढाई हो, सभी बच्चे नियमित रूप से समय पर शाला आएं, इस पर ध्यान देना और इस दिन शाला से बाहर के बच्चों का पूर्व से सर्वे करते हुए उन्हें भी शाला में प्रवेश दिलवाना सहित न्योता भोजन को बढ़ावा देने जैसे अनेक कार्यक्रम आयोजित करने के संबंध में बताया गया साथ ही न्यौता भोज कराया गया।