छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में अकाउंटेंट सुनील दत्त गिरफ्तार, जेल में बंद रसूखदारों से स्वीकारा संबध
छत्तीसगढ़ के नकली होलोग्राम मामले में EOW और ACB की टीम एक और कार्रवाई की है। एजेंसी ने प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के अकाउंटेंट सुनील दत्त को गिरफ्तार किया है। आरोपी सुनील दत्त ही नकली होलोग्राम नोएडा से रायपुर भेजता था।
ACB ने अपराध क्रमांक 04/2024, धारा 7, 12, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 420, 467, 468, 471, 120बी. भादवि0 में डुप्लीकेट होलोग्राम के मामले गिरफ्तारी की है। आरोपी सुनील दत्त वर्ष 2019 से 2022 के बीच प्रिज्म कंपनी के नोएडा स्थित मुख्यालय में डुप्लीकेट होलोग्राम का लेखा-जोखा रखा जाता था. वह असली होलोग्राम के साथ छद्म तरीके से डुप्लीकेट होलोग्राम का परिवहन नोएडा से रायपुर करवाया जाता था। पूर्व में जप्त परिवहन में उपयोग में आने वाले इन्वाईस जिसमें डुप्लीकेट होलोग्राम की संख्या एवं अन्य विवरण होते थे, उस पर सुनील दत्त के हस्ताक्षर होते थे।
सुनील दत्त को 28 अक्टूबर तक रिमांड
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. नकली होलोग्राम के मामले में ACB-EOW की टीम ने प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के अकाउंटेंट सुनील दत्त को गिरफ्तार किया था. सुनील दत्त पर नोएडा से रायपुर फर्जी होलोग्राम भेजने का आरोप है. उसकी गिरफ्तारी के बाद सुनील दत्त को EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में पेश करने के बाद सुनील को 28 तारीख तक EOW की रिमांड पर भेजा गया है. बता दें कि इससे पहले फर्जी होलोग्राम मामले पर कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
पूछताछ में मुख्य आरोपियों के साथ निकले संबंध
पूछताछ के दौरान इस बात की पुष्टि हुई है कि, सिंडिकेट के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरूणपति त्रिपाठी के संलिप्तता में प्रिज्म होलोग्राफी के मालिक विधु गुप्ता द्वारा फर्जी होलोग्राम छत्तीसगढ़ स्थित डिस्टलरियों को उपलब्ध कराये गये थे। प्रकरण में अग्रिम वैधानिक कार्यवाही जारी है।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला के अलावा शनिवार को ACB/EOW कोर्ट में कोयला और कस्टम मीलिंग घोटाले के आरोपियों के नार्को टेस्ट मामले को लेकर भी सुनवाई हुई. इस दौरान सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी और निखिल चंद्राकर समेत कस्टम मीलिंग के आरोपी रोशन चंद्राकर के नार्को टेस्ट की मांग को खारिज कर दिया गया. यह मांग सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के कारण खारिज की गई है. बता दें कि बिना सहमति के नार्को टेस्ट नहीं किया जा सकता है. इस टेस्ट के लिए सभी आरोपियों ने असहमति जताई थी.