छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : भिलाई, दुर्ग और महासमुंद में कवासी के करीबियों के ठिकानों पर EOW का छापा

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW ) ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार सुबह से भिलाई, दुर्ग और महासमुंद में 30 से अधिक स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, धर्म कांटा कारोबारी अशोक अग्रवाल के आम्रपाली स्थित आवास के अलावा उसके छोटे भाई विनय अग्रवाल, एक और अन्य भाई के घर में छापा पड़ा है। पाश कालोनी नेहरू नगर निवासी विनय अग्रवाल पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का काफी करीबी बताया जा रहा है। इसके द्वारा नेहरू नगर में बहुत बड़ी बिल्डिंग बनाई गई है, जिसमें पल्स अस्पताल संचालित हो रहा है। खबर है कि कुछ और लोगों के यहां भी छापा पड़ा है।
दुर्ग-भिलाई में इन कारोबारियों के यहां कार्रवाई
एसके केजरीवाल, नेहरू नगर, भिलाई
अशोक अग्रवाल, आम्रपाली अपार्टमेंट, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, भिलाई
विनय अग्रवाल, खुर्सीपार
संजय गोयल, डायरेक्टर स्पर्श हॉस्पिटल, नेहरू नगर
विश्वास गुप्ता, बिल्डर, दुर्ग
बंसी अग्रवाल, नेहरू नगर
आशीष गुप्ता, डायरेक्टर, आशीष इंटरनेशनल होटल सुपेला, नेहरू नगर स्थित घर में कार्रवाई।
क्या है शराब घोटाला ?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।