डाक्टर को अपनी पत्नी का मर्डर करते देख, ड्राईवर ने डाक्टर को मार डाला, 8 साल बाद मामले का हुआ खुलासा

छत्तीसगढ़ की कवर्धा में आठ साल पहले बहुचर्चित हत्याकांड डॉ. दंपति मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। डॉ. दंपति हत्याकांड में उनका ड्राइवर ही आरोपी निकला।
जाने पूरा घटनाक्रम
बता दें कि 06 अप्रैल 2017 को शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. गणेश सूर्यवंशी और उनकी पत्नी डॉ. उषा सूर्यवंशी का शव उनके निवास के आंगन में खून से लथपथ अवस्था में मिला था। उस दौरान प्रारंभिक जांच में पुलिस ने दोहरा हत्याकांड की तौर पर देखा। मामले की पुनः जांच में यह तथ्य सामने आया कि आरोपी सत्यप्रकाश साहू डॉक्टर दंपति का ड्राइवर रह चुका था और उसने डॉक्टर को लगभग 1.80 लाख रुपये उधार दिए थे। थाना कवर्धा में एक व्यक्ति द्वारा उसके विरुद्ध ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिससे वह पुलिस पूछताछ के डर से गंडई भाग गया था। पैसों की तंगी से जूझता आरोपी गंडई से कवर्धा लौटा और डॉक्टर से उधार की राशि मांगने गया। उसी दौरान वह उनके घरेलू झगड़े का साक्षी बन गया, जो कि पहले भी कई बार पड़ोसियों द्वारा देखी-सुनी गई थी।
डॉक्टर ने की पत्नी की हत्या, फिर ड्राइवर ने डॉक्टर की ले ली जान
बयान के अनुसार, विवाद इतना बढ़ा कि डॉक्टर ने दरवाजा रोकने वाले भारी पत्थर से अपनी पत्नी के सिर पर वार कर दिया। पत्नी ने जवाबी हमले में छोटे पत्थर से डॉक्टर पर प्रहार किया। घायल पत्नी जब जमीन पर गिरी, तो डॉक्टर ने फिर से वार कर उसकी हत्या कर दी। यह सब देखकर सत्यप्रकाश घबरा गया। उसे डर हुआ कि डॉक्टर उसे भी मार सकता है। इसी भयवश उसने डॉक्टर को धक्का देकर गिराया और फिर पत्थर से वार कर उसकी भी हत्या कर दी।
हत्या के पश्चात आरोपी ने कमरे में फैले खून के धब्बे साफ किए, शवों को आंगन तक खींचकर रखा और रातभर प्रतीक्षा करता रहा। सुबह लगभग 5 बजे वह जेवदन रोड की ओर से निकलकर बस से दुर्ग चला गया। जाते समय डॉक्टर का एक मोबाइल अपने साथ ले गया, जिसे गंडई में 1900 रुपये में गिरवी रखा। 05 अप्रैल को वह पुनः कवर्धा लौटा और डॉक्टर के घर के बाहर जाकर देखा कि अभी भी घटना के बारे में किसी को पता नहीं चला है। 06 अप्रैल को जब पुलिस को घटना की जानकारी मिली, तब भी आरोपी मौके पर पहुंचा था और भीड़ में शामिल होकर परिस्थिति का जायजा ले रहा था। कबीरधाम पुलिस द्वारा पुनः वैज्ञानिक आधारों पर साक्ष्यों का विश्लेषण किया गया जिसके आधार पर संदेश के रूप में सत्यप्रकाश का नाम सामने आया जिसके आधार पर 14 घंटे की गहन मनोवैज्ञानिक पूछताछ की गई। अंततः आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
40 हजार का इनाम
मामले के खुलासे में महत्वपूर्ण सुराग देने अथवा आरोपी की गिरफ्तारी में सहयोग हेतु पुलिस महानिरीक्षक अभिषेक शांडिल्य द्वारा 30 हजार रुपये एवं पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (IPS) द्वारा 10 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी। उक्त मामले को निकल करने में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक लालजी सिन्हा साइबर प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा, उप निरीक्षक संतोष ठाकुर, ASI बंदे सिंह मरावी, चंद्रकांत तिवारी HC वैभव कल्चुरी, चुम्मन साहू, आरक्षक लेखा चंद्रवंशी,अमित सिंह, गज्जू सिंह, धर्मेन्द्र मरावी के साथ साथ थाना कोतवाली और सायबर के टीम का विशेष योगदान रहा
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