छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

छत्तीसगढ़ के इस संस्था ने डोनाल्ड ट्रंप को दिया ऑफर, कहा ‘आईए आप का बाइपोलर डिसआर्डर का इलाज फ्री में होगा’

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत सहित विभिन्न देशों को लगातार टैरिफ (आयात शुल्क) के नाम पर धमकाने और आर्थिक दवाब बनाने की कोशिशों के खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी (सीसीएस) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। संस्था ने ट्रंप की मानसिक स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए उन्हें नि : शुल्क इलाज का प्रस्ताव दिया है।

सीसीएस के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने एक पत्र के माध्यम से राष्ट्रपति ट्रंप को चेतावनी दी है कि वे स्वयं को अमेरिका का नहीं, बल्कि पूरे विश्व का प्रेसिडेंट मानने की भूल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के बयानों और निर्णयों में बाइपोलर डिसआर्डर और मेगालोमेनिया (महात्वाकांक्षा से ग्रसित मानसिक दशा) जैसे लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। यदि समय रहते इलाज न कराया गया, तो यह अमेरिका ही नहीं, वैश्विक शांति के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है।

क्या है 50 प्रतिशत टैरिफ मामला?
50 प्रतिशत टैरिफ मामला भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद से जुड़ा है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त 2025 में भारत से आने वाले उत्पादों पर कुल 50% टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने का आदेश दिया है। यह टैरिफ दो चरणों में लागू हुआ: पहले से लागू 25% टैरिफ के साथ और 25% अतिरिक्त शुल्क जोड़कर कुल 50% हो गया, जो 27 अगस्त 2025 से प्रभावी है।

मुख्य कारण:
1.अमेरिका ने यह कदम भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने के विरोध में उठाया है। ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि 2.भारत रूस से बड़ा तेल आयात कर रहा है, जिससे रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों द्वारा रूसी तेल पर लगाए गए प्रतिबंधों को दरकिनार किया जा रहा है।
3.ट्रंप का मानना है कि भारत की यह नीति अमेरिकी हितों को असामान्य खतरा पहुंचाती है, इसलिए दंडस्वरूप 50% टैरिफ लगाया गया है।

प्रभाव:
1.इस टैरिफ से भारतीय निर्यात जैसे कपड़ा, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, रत्न-आभूषण, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे।
2.इसका असर भारत से अमेरिका को होने वाले लगभग 86 अरब डॉलर के वार्षिक निर्यात पर पड़ेगा।
3.आम अमेरिकी उपभोक्ता और अमेरिका में काम करने वाले लोग भी महंगे उत्पाद एवं मुद्रास्फीति की मार झेल सकते हैं।
भारत सरकार ने इस फैसले को अनुचित और तर्कहीन कहते हुए विरोध दर्ज कराया है तथा जवाबी कदम उठाने की बात कही है।

ख़बर को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button