छत्तीसगढ़ में फर्जी अंकसूची से सरकारी नौकरी का खेल, स्कूल संचालक की बेटी गिरफ्तार, यही बनता था फेक सर्टिफिकेट

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ में फर्जी अंक सूची के जरिए नौकरी करने के मामले में पुलिस की टीम ने आज एक और युवती को गिरफ्तार किया है। यह युवती अजीजी पब्लिक स्कूल के संचालक की बेटी है यह वही स्कूल है जहां से सभी फर्जी अंकसूची तैयार किए गए थे।
मामले में पुलिस की टीम ने पहले 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया था और अब आरोपियों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है। शंकरगढ़ में 2024- 25 में आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका के पद की भर्ती निकली थी। यहां विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्र में कक्षा आठवीं का फर्जी अंक सूची तैयार कर महिलाएं नौकरी कर रही थी।
शिकायत के बाद इस पूरे फर्जी वाड़े का खुलासा हुआ था और धीरे-धीरे पुलिस की टीम ने नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की जांच अभी जारी है और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है।
जाने पूरा मामला
बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों में सहायिका के पदों पर हुई फर्जी नियुक्ति के मामले पुलिस-प्रशासन लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है पहले फर्जी नियुक्ति पाने वाली 4 महिलाओं समेत शंकरगढ़ बीएमओ कार्यालय में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर, फर्जी मार्कशीट जारी करने वाले स्कूल संचालक पिता-पुत्र व फर्जी ढंग से नौकरी हासिल करने वाली महिला के पति की भी गिरफ्तारी हुई है।
बलरामपुर-रामानुजगंज कलेक्टर राजेंद्र कटारा को की गई एक शिकायत के बाद हुई जांच में शंकरगढ़ ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों में फर्जी मार्कशीट के जरिए सहायिका के पद पर नियुक्ति होने का मामला उजागर हुआ था।
इसके बाद शंकरगढ़ थाने में धारा 318(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2) व 61(2) के तहत अपराध दर्ज कर फर्जीवाड़ा के जरिए नियुक्ति पाने वालीं अरमाना पति शमसेर आलम निवासी ग्राम जारगीम, रिजवाना पति अमरूद्दीन ग्राम महुआडीह, प्रियंका यादव पति आशीष यादव निवासी ग्राम कोठली व सुशीला सिंह पति उमाशंकर ग्राम बेलकोना आरोपी शमसुद्दीन अंसारी, आबिद अंसारी, शिवनारायण रवि व उमाशंकर पैकरा को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में शमसुद्दीन अंसारी अजीजी पब्लिक स्कूल भगवतपुर व कुसमी का संचालक है। वहीं उसका पुत्र आबिद अंसारी अजीजी पब्लिक स्कूल भगवतपुर का प्रिंसिपल है।

3 सहायिकाओं की अंकसूची एक ही स्कूल की
आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्त 4 आरोपी महिला में से 3 को अजीजी पब्लिक स्कूल भगवतपुर व एक को कुसमी स्थित विद्यालय से फर्जी अंक सूचीमिला था। आरोपी शिवनारायण रवि बीएमओ कार्यालय शंकरगढ़ में कंप्यूटर ऑपरेटर है। वहीं उमाशंकर आरोपी सुशीला सिंह का पति है। इन दोनों की भी भूमिका फर्जी अंकसूची तैयार करने में पाई गई है। फर्जी अंकसूची तैयार कर आंगनबाड़ी सहायिका पद पर नियुक्ति मामले में एक बड़ा गिरोह कार्य कर रहा था।

चयन समिति पर उठ रहे सवाल
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका चयन समिति में महिला बाल विकास अधिकारी के अलावा जनपद सीईओ, बीईओ, बीएमओ शामिल रहते हैं। इनकी जवाबदारी है कि नियुक्ति प्रक्रिया में इस्तेमाल दस्तावेज का वे सत्यापन करें। लेकिन समिति बड़ी चूक क्यों कर गई, यह बड़ा सवाल है। नियुक्ति को लेकर भारी लेनदेन की बात भी गड़बड़ी सामने आने के बाद चर्चा में है।