Chhattisgarh High Court : पत्नी ने पति को कहा था ‘पालतू चूहा’, हाईकोर्ट ने तलाक की दी मंजूरी

Chhattisgarh High Court : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने तलाक के एक अहम मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें कोर्ट ने पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की पुष्टि की है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी द्वारा पति को ‘पालतू चूहा’ कहना मानसिक क्रूरता का उदाहरण है, क्योंकि पति अपने माता-पिता के साथ रहता है। पत्नी ने पति को माता-पिता से अलग रहने के लिए मजबूर करने की कोशिश की, जिसे कोर्ट ने मानसिक प्रताड़ना माना। बिलासपुर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद शामिल थे, ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए पत्नी की अपील खारिज कर दी और पति को तलाक की मंजूरी दी।
यह मामला रायपुर के एक दंपत्ति से जुड़ा है, जिनकी शादी 28 जून 2009 को हुई थी। एक साल बाद उनके एक बेटे का जन्म हुआ। शुरू में उनकी शादीशुदा जिंदगी ठीक चल रही थी, लेकिन कुछ समय बाद रिश्तों में दरार आ गई। पति ने क्रूरता, परित्याग और शारीरिक प्रताड़ना के आधार पर फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दी थी। पति ने आरोप लगाया कि पत्नी उसके माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार करती है और उनसे अलग रहने की जिद करती थी। जब पति ने ऐसा करने से मना किया, तो पत्नी ने अपमानजनक शब्द जैसे ‘पालतू चूहा’ कहकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। इसके अलावा, पति ने याचिका में बताया कि पत्नी ने जबरन गर्भपात करने की कोशिश भी की और 2010 में मायके जाने के बाद वापस नहीं लौटी।
पति द्वारा प्रस्तुत संदेश इस बात का पक्का सबूत था, जिसमें पत्नी ने लिखा था, “अगर तुम अपने माता-पिता को छोड़कर मेरे साथ रहना चाहते हो तो जवाब दो, वरना मत पूछो।” पत्नी ने इस संदेश को स्वीकार किया और माना कि अगस्त 2010 के बाद वह ससुराल नहीं लौटी। हाईकोर्ट ने कहा कि भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवार की परंपरा महत्वपूर्ण है और पति को माता-पिता से अलग रहने के लिए मजबूर करना मानसिक क्रूरता है। कोर्ट ने माना कि पत्नी के अपमानजनक व्यवहार और अलगाव की जिद ने पति को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है।
हालांकि, हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के गुजारा भत्ता वाले आदेश को बरकरार रखा है। कोर्ट ने पत्नी को 5 लाख रुपये का एकमुश्त स्थायी गुजारा भत्ता दिया है, साथ ही उनके बेटे के लिए प्रति माह 6,000 रुपये और पत्नी के लिए 1,000 रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश भी जारी किया है। वर्तमान में पत्नी एक लाइब्रेरियन हैं और पति छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत हैं।