पीएम मोदी को मिले उपहारों की नीलामी में छत्तीसगढ़ की धमक, घर बैठे आप भी ऑनलाइन बोली कर ये उपहार कर सकते है अपने नाम

प्रधानमंत्री स्मृति चिन्ह ई-नीलामी 2025 शुरू हो गई है, जिसमें छत्तीसगढ़ के दुर्लभ और सुंदर कलाकृतियों ने अपनी चमक बिखेरी है । आम नागरिक 2 अक्टूबर, 2025 तक pmmementos.gov.in पर इन कलाकृतियों के लिए ऑनलाइन बोली लगा सकते हैं। प्रत्येक विजयी बोली नमामि गंगे परियोजना का समर्थन करती है, जो गंगा नदी के पुनरुद्धार और संरक्षण के लिए एक राष्ट्रीय पहल है
जाने प्रधानमंत्री स्मृति चिन्ह ई-नीलामी के बारे में
वर्ष 2019 से प्रधानमंत्री स्मृति चिन्ह ई-नीलामी लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट किए गए स्मृति चिन्हों को अपने पास रखने का अवसर प्रदान कर रही है। संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित और नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में प्रदर्शित इस नीलामी में इस वर्ष 1,300 से अधिक वस्तुएं प्रदर्शित की जा रही हैं, जिनमें पेंटिंग, हस्तशिल्प, आदिवासी कलाएं, खेल स्मृति चिन्ह और समारोहों के उपहार शामिल हैं। नीलामी से प्राप्त सभी आय पवित्र गंगा नदी के संरक्षण के लिए समर्पित नमामि गंगे परियोजना को जाएगी।
छत्तीसगढ़: प्राचीन शिल्प और सामुदायिक भावना
छत्तीसगढ़ की 16 वस्तुएं रहस्यमयी आदिवासी परंपराओं और आध्यात्मिक जीवंतता का प्रतीक हैं।
- ढोकरा धातु की ढलाई छत्तीसगढ़ के प्रदर्शन का केंद्र है, जिसे “ढोकरा कला में संगीतकार” जैसी कलाकृतियों द्वारा दर्शाया गया है जो कांस्य में आदिवासी संगीत और आनंद को जीवंत करती हैं।
- हाथी के सिर वाली नंदी ढोकरा प्रतिमा में पशु और पवित्र रूपों का मिश्रण है, जो ज्ञान और भक्ति का प्रतीक है। यह समृद्ध रूप से डिज़ाइन की गई और बारीकी से गढ़ी गई है।
- आदिवासी नर्तकों की प्रतिमा पारंपरिक नृत्य मंडली की ऊर्जा को दर्शाती है, जो विस्तृत धातुकर्म के माध्यम से सद्भाव, लय और विरासत का वर्णन करती है।