छत्तीसगढ़ शराब घोटाला…ED ने फिर कसा शिकंजा, पूर्व CM की पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया दोबारा गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला केस में ED ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रह चुकीं सौम्या चौरसिया को फिर से गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार सुबह उन्हें रायपुर दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जहां लंबी पूछताछ के बाद शाम को उनकी गिरफ्तारी की गई। अब उन्हें बुधवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां ED उनकी कस्टडी की मांग कर सकती है।
जमानत के बाद फिर गिरफ्तारी
सौम्या चौरसिया को इससे पहले कोयला लेवी और DMF घोटाले के मामले में दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था। 30 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या समेत 6 आरोपियों को सशर्त जमानत दी थी और छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी लगाई थी, जिसके बाद वे रायपुर सेंट्रल जेल से रिहा होकर बेंगलुरु में रह रही थीं। कोर्ट ने सभी आरोपियों को नया पता स्थानीय थाने में दर्ज कराने और गवाहों को प्रभावित न करने की सख्त शर्त भी लगाई थी।
3200 करोड़ के घोटाले का आरोप
ED की जांच के मुताबिक छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार के नाम पर 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला किया गया। आरोप है कि तत्कालीन सरकार के दौर में IAS अनिल टुटेजा, आबकारी निगम के MD एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट ने सिस्टम पर पकड़ बनाकर ये पूरा रैकेट खड़ा किया। इस सिंडिकेट में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी और शराब कारोबार से जुड़े कई लोगों के नाम ACB में दर्ज FIR में शामिल हैं।
कमीशन, नकली होलोग्राम और जोन गेम
ED का कहना है कि घोटाले का पहला मॉडल डिस्टिलरी संचालकों से प्रति पेटी 75 से 100 रुपए तक कमीशन वसूलने का था, जिसके लिए टेंडर में शराब की कीमतें बढ़ाई गईं और ओवर बिलिंग की खुली छूट दी गई। दूसरे मॉडल में डिस्टिलरी से ज्यादा शराब बनवाकर उस पर नकली होलोग्राम लगाकर सरकारी दुकानों से बेचवाया गया और 15 जिलों में 40 लाख पेटी से ज्यादा शराब बिना शुल्क के खपाई गई। तीसरे मॉडल में देशी शराब की सप्लाई के जोन तय कर कमीशन के आधार पर सप्लाई एरिया घटा-बढ़ाकर डिस्टिलरी से वसूली की गई, जिसमें सिर्फ तीन साल में लगभग 52 करोड़ रुपए पार्ट C के नाम पर लिए जाने के साक्ष्य मिले हैं।
राजनीतिक और कानूनी असर
शराब घोटाला पहले से ही राज्य की राजनीति का बड़ा मुद्दा बना हुआ है और सौम्या चौरसिया की नई गिरफ्तारी से सियासी तापमान और बढ़ना तय माना जा रहा है। पूर्व सीएम के दफ्तर से जुड़ी रही एक प्रमुख अधिकारी पर लगातार कोयला, लेवी और अब शराब घोटाले में कार्रवाई होना ED की बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। अब स्पेशल कोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई से यह साफ होगा कि ED सौम्या की रिमांड लेकर शराब घोटाले की कड़ियों को कितना आगे जोड़ पाती है






