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आरक्षक भर्ती चयन प्रक्रिया रद्द करने से सरकार का इनकार, अब सरकार इस नए तरीके पर कर रही है विचार

छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी पर संग्राम, सरकार ने चयन प्रक्रिया रद्द करने से किया इनकार, वेटिंग लिस्ट से ही होंगे खाली पदों पर भर्ती
Raipur. छत्तीसगढ़ में करीब 6,000 पुलिस आरक्षक पदों की भर्ती में गड़बड़ी के आरोप तेज हो गए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने पूरी चयन प्रक्रिया रद्द करने की मांग ठुकरा दी है। गृह मंत्री व डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि अनियमितता के तथ्य मिलने पर जांच होगी, हालांकि रिक्त पद अब दोबारा परीक्षा कराए बिना वेटिंग लिस्ट से ही भरे जाने की तैयारी है।
सरकार का रुख और नया नियम
- अभ्यर्थियों ने गृह मंत्री विजय शर्मा से पूरी चयन प्रक्रिया रद्द कर नई भर्ती की मांग रखी, जिसे सरकार ने अस्वीकार कर दिया।
- गृह मंत्री ने कहा कि यदि किसी तरह की गड़बड़ी के तथ्य सामने आते हैं तो जांच कराई जाएगी, लेकिन पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जाएगी क्योंकि मामला अदालत तक पहुंच सकता है और भर्ती प्रक्रिया लटक जाएगी।
- सरकार खाली पदों की भर्ती के लिए नया नियम बनाने पर काम कर रही है, जिसके तहत वेटिंग लिस्ट के जरिए ही चयन प्रक्रिया आगे बढ़ाने का प्रस्ताव है।
वेटिंग लिस्ट से होगी भर्ती
- अब तक चयनित अभ्यर्थियों की संख्या के लगभग 25 फीसदी उम्मीदवारों की वेटिंग लिस्ट जारी की जाती थी और उनके ज्वाइन न करने पर वेटिंग से नए उम्मीदवार लिए जाते थे।
- पहले रिक्त पदों पर फिर से परीक्षा आयोजित की जाती थी, लेकिन नए फार्मूले के तहत दूसरी और तीसरी वेटिंग लिस्ट निकालकर इन्हीं से सभी खाली पद भरे जाने पर विचार हो रहा है।
- सूत्रों के अनुसार, नई व्यवस्था लागू होने के बाद दोबारा लिखित परीक्षा नहीं होगी और वेटिंग लिस्ट की मेरिट के आधार पर ही अन्य युवाओं को मौका मिलेगा, जिस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद होगा।
एक से अधिक जिलों में चयन पर सफाई
- 5,967 आरक्षक पदों के लिए करीब 7 लाख आवेदन आए थे और बड़ी संख्या के कारण भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- सबसे बड़ा विवाद इस बात पर है कि कई अभ्यर्थियों का नाम एक से अधिक जिलों की चयन सूची में दिखा, जिस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को किसी भी जिले में हिस्सा लेने की अनुमति थी।
- ऐसे उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा एक ही बार हुई, लेकिन जहां-जहां उन्होंने फिजिकल पास किया, उन सभी जिलों में उनके लिखित अंक जोड़े गए, हालांकि अंतिम नियुक्ति केवल एक ही जिले में होगी और अन्य जिलों में सीटें वेटिंग लिस्ट से भर दी जाएंगी।
शिकायत निवारण और अभ्यर्थियों से संवाद
- भर्ती में अनियमितता की शिकायतों के समाधान के लिए पुलिस मुख्यालय रायपुर में खुला मंच दिया गया है, जहां अभ्यर्थी सबूतों के साथ सीधे ADG एसआरपी कल्लूरी से मिल सकते हैं।
- इससे पहले 12 से 14 दिसंबर तक सभी जिलों के एसपी कार्यालयों में भी लिखित शिकायतें ली गईं, ताकि पारदर्शिता को लेकर उठ रहे संदेह दूर किए जा सकें।
- बड़ी संख्या में उम्मीदवार गृह मंत्री विजय शर्मा के बंगले पहुंचे, जहां मंत्री ने जमीन पर बैठकर अभ्यर्थियों की बात सुनी और सभी उम्मीदवारों के प्राप्तांक सार्वजनिक करने सहित कई मांगों पर विभागीय पोर्टल के जरिए जानकारी उपलब्ध कराई गई।
डिजिटल पारदर्शिता और अगला कदम
- विभाग ने सभी जिलों के अभ्यर्थियों के अंक विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं, ताकि कोई भी उम्मीदवार QR कोड स्कैन कर रिजल्ट पोर्टल पर जाकर किसी भी जिले के उम्मीदवार के अंक देख सके।
- सरकार का कहना है कि पूरी प्रक्रिया नियमों के अनुसार और पारदर्शिता के साथ पूरी की गई है, हालांकि अभ्यर्थियों की आपत्तियों पर केस-टू-केस आधार पर सुनवाई जारी रहेगी।
- वेटिंग लिस्ट के जरिए खाली पद भरने के प्रस्ताव पर सहमति बनने और सीएम की मुहर लगते ही आरक्षक भर्ती विवाद के समाधान की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकता है





