पशु चिकित्सा विभाग की निष्क्रियता से खतरे में क्षेत्र के पालतू पशु
सूर्यप्रकाश सूर्यकांत
बिलासपुर– मस्तूरी के पचपेड़ी पशु चिकित्सा विभाग की उदासीनता से क्षेत्र के पशु प्रेमी नाराज दिख रहे है। पशु प्रेमी इस लिए नाराज है क्योकि शासन के द्वारा विभाग के कर्मचारियों को निर्धारित समय सुबह 7 बजे से 11 बजे तक और शाम 5 बजे से 6 बजे तक केंद्र उपस्थित रहना होता है लेकिन विभाग की उदासीनता की वजह से समय पर डॉक्टर उपस्थित नही रहते है। और बताया गया कि चिकित्सालय के समीप रहने के लिए शासन से गृह भत्ता भी लेती है लेकिन वह बिलासपुर में रहती है। लिहाजा इलाज के लिए लाए पशुओं की सही तरीके से इलाज नही हो पाती है। मामले को लेकर जब हमने पशु चिकित्सालय की ओर रुख किया तब पता चला कि पशु चिकित्सालय की इंचार्ज डॉ. स्मिता साहू ही मौके पर मौजूद नही रहती है। ऐसे में काम का पूरा भार केंद्र के ड्रेशर के ऊपर आ जाता है और उनके ही द्वारा पालतू पशुओं का इलाज किया जाता है। अगर ड्रेशर के द्वारा इलाज किया जाए तो आप ही सोच सकते है कि पालतू पशुओं का इलाज कितना सही तरीके से होता होगा।
विभाग की उदासीनता से क्षेत्र के पशुपालक परेशान
लोगो की प्रेम पशु,पक्षियों की ओर बढ़ रही है ऐसे में लोग बड़ी तादात में पालतू जीवों को पालते है। जीवो और मनुष्य में इतना गहरा संबंध हो जाता है कि लोग पालतू जीवों को अपने घर के सदस्य की तरह मानते है। ऐसे में अगर पालतू जीव बीमार होता है तो लोग चिंतित होकर सीधे पशु चिकित्सा पहुँचते है लेकिन विभाग की उदासीनता की वजह से सही तरीके से इलाज नही हो पा रहा है। जिससे पशु प्रेमियों में खासा नाराजगी देखी जा रही है।