Video रतनपुर : पुराना बस स्टैंड के निकट है गज किला, जगन्नाथ मंदिर के तर्ज पर स्थापित है मूर्तियां
गुरुदेव सोनी । रतनपुर की महिमा का बखान करने के लिए शब्दकोश भी कम पड़ जाते हैं, यहां चारों ओर पर्वत श्रृंखलाओं के बीच विभिन्न देवी देवताओं की मंदिर स्थापित है, तो आज जगन्नाथपुरी रथ यात्रा के अवसर पर news 36 के माध्यम से हम आपको ले चलते हैं रतनपुर के भगवान जगन्नाथ जी का अति प्राचीन भव्य मंदिर जिसका निर्माण लगभग बारहवीं सदी में उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी मंदिर के तर्ज पर किया गया है।
रतनपुर के पुराना बस स्टैंड के निकट गज किला स्थित है, जिसे बोलचाल की भाषा मे हाथी किला भी कहा जाता है, जिसका एक विशाल प्रवेशद्वार बना हुआ है, और इसके भीतर में जैसे ही प्रवेश करते हैं तो विभिन्न देवी देवताओं के मंदिरों के अवशेष दिखाई पड़ते हैं , इस गज किले के मध्य भाग में भगवान जगन्नाथ स्वामी का एक अति प्राचीन भव्य मंदिर बना हुआ है, जिसकी सुंदरता आज भी देखते ही बनती है , जहां इस मंदिर के गर्भ गृह में भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी, बहन सुभद्रा व भैया बलभद्र की बड़े ही आकर्षक परंपरागत प्रतिमाएं स्थापित है, जिसकी रूपसज्जा व कलात्मकता देखते ही बनती है, जो कलचुरी कालीन मूर्तिकला का एक बेजोड़ नमूना है, बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 12 वीं सदी में राजा कल्याण के द्वारा सन 1544 से 1585 के मध्य कराया होगा , क्योंकि इसी समय अवधि के बीच वे रतनपुर नगरी में उनका शासनकाल रहा। देखे वीडियों
किवदंतियों पर यदि नजर डालें तो राजा को एक रात्रि भगवान श्री जगन्नाथ ने स्वप्न में दर्शन दिए और उन्हें आदेश प्राप्त हुआ कि उड़ीसा के समुद्र तट पर तैर रहे चंदन की लकड़ी को लाकर उड़ीसा के ही चित्रकारों के द्वारा भगवान जगन्नाथ स्वामी की प्रतिमा बनवाकर यहां एक मंदिर का निर्माण कराया जाए, जो इस मंदिर के गर्भगृह में स्थापित है,ये अनूठी व कलात्मक मुर्तिया अत्यंत ही दिव्य व मनोहारी हैं और आज भी यहां दर्शनीय है तथा यहां स्थापित भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी,बहन सुभद्रा व भैया बलभद्र की प्रतिमाएं अति मनभावन है। तथा इस मंदिर में पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर की भांति ही महा प्रसाद का भोग चढ़ाया जाता है, और प्रतिवर्ष यहां आज के दिन रथयात्रा उत्सव बड़े ही जोर-तोर से मनाया जाता है तथा दूर-दूर से लोग यहां भगवान का दर्शन लाभ के लिए पहुंचते हैं।
इसके अलावा इस मंदिर के सभा मंडप में काले ग्रेनाइट पत्थर से बना हुआ भगवान विष्णु जी का भी अति सुंदर मनभावन प्रतिमा स्थापित है जहां एकादशी व्रत का उद्यापन भी कराया जाता है जिसके लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं।