धान खरीदी के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस एक बार फिर आमने-सामने
रायपुर। 2023 के चुनाव में धान खरीदी ही सबसे बड़ा मुद्दा बनने वाला है। दोनों प्रमुख पार्टियों के नेताओ्ं के बीच धान खरीदी को लेकर बयानबाजी जारी है। वहीं केंद्रीय नेताओ्ं के दौरे से प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। जहां भाजपा को दूसरी सूची का इंतजार है वहीं कांग्रेस को पहली सूची का इंतजार है।
इंतजार की घड़ी दोनों प्रमुख पार्टियों के नेताओ्ं के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है। दोनों तरफ बैचैनी का आलाम है। वहीं इस इतजार में आप और जकांछ बीच-बीच में किसी नए मुद्दे को लेकर राजनीतिक तकड़ा लगाने में कोई देरी नहीं कर रहे है।
टिकट के दावेदारों की गणेश परिक्रमा जारी है। लंबे-लंबे बयान बाजी जारी हो रहे है। नेता अपनी मैदानी उपिस्थित दर्ज कराने के बयानों पर बयान पेल रहे है। छोटे से छोटे ने और बड़े से बड़े नेता लगातर सोशल मीडिया पर डटे हुए है। एक दूसरे को आरोप लगाकर समय बीताने के लिए खेल खेल रहे है।
चुनाव से पहले एक बार फिर धान खरीदी के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस एक बार फिर आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा नहीं चाहती है छत्तीसगढ़ के किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी हो।
इसीलिए मोदी सरकार ने 86 लाख मीट्रिक टन चावल के कोटे को घटाकर 61 लाख कर दिया है। इस आरोप पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार का झूठ और प्रपंच सबके सामने आ चुका है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी सरकार एक भी दाना न लें, लेकिन कांग्रेस सरकार किसानों से वादों के मुताबिक धान खरीदेगी। कांग्रेस ने प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा है, जिसमें इस वर्ष 125 लाख मीट्रिक धान की रिकार्ड खरीदी की जाएगी। आने वाले वर्षों में किसानों से 3,600 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर धान की खरीदी होगी।
पिछले चुनाव के समय 2018 में किसानों ने पूरे देश में धान की सबसे ज्यादा कीमत 2,640 रुपये प्राप्त किया है। केंद्र ने सेंट्रल पुल में चावल का कोटा 86.5 लाख मीट्रिक टन से घटाकर 61 लाख कर दिया गया है, ताकि भूपेश सरकार इस बार जो 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने वाली है, उसके निराकरण में राज्य ने केंद्रीय जूट कमिश्नर से 3.56 लाख गठाने खरीदने के लिए मांग पत्र दिया था, जिसको भी केंद्र ने घटा दिया है।
भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर और पुन्नूलाल मोहले ने कहा है कि झूठ के पैर नहीं होते और सच को लंबे समय तक अंधेरे में ढंका नहीं रखा जा सकता और प्रदेश सरकार ने ही इसे साबित कर दिया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि भूपेश कैबिनेट ने माना कि भारत सरकार ही धान खरीदती है और केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर धान व मक्के का उपार्जन एक नवंबर से उपार्जन किया जाएगा।