छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

Bemetara Blast : ब्लॉस्ट में लापता सात लोगों के बचने की उम्मीद ना के बराबर…परिजन भी मान चूके है मृत !…

Bemetara Blast : रोशन यादव । छत्‍तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के ग्राम पिरदा स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी में ब्लास्ट के बाद मलबे में सात मजदूरो के पुष्टि की गई है। वहीं नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना की टीम ने भी मौके पर जाकर कैंप कर रहे जिला प्रशासन की टीम के लिए सहायता का हाथ बढ़ाया है। जमींदोज हो चुकी कारखाने की दो मंजिला यूनिट का मलबा हटाने का काम जारी है। मलबे में किसी के जीवित होने की संभावना न के बराबर है। जिनके परिजन सारी रात घटनास्थल पर बैठे रहे। फारेंसिंक टीम ने नमूने इकट्ठे किए। जिला पुलिस अधीक्षक ने विस्फोट के बाद से सात लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। कारखाने के परिसर में ही अस्थाई पुलिस कैंप भी तैयार किया गया है। अब तक विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हुई है। छह लोग घायल हैं।
देखे पूरी खबर

बता दे कि दूसरे दिन घटनास्‍थल पर गांव के लोग धरने पर बैठ गए। घटनास्‍थल पर पहुंचे बेमेतरा विधायक दीपेश साहू को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने विधायक पर नेतागिरी करने का आरोप लगाते हुए घटनास्थल पर जाने का विरोध किया। विधायक दीपेश साहू ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। ग्रामीणों के विरोध के बाद विधायक वापस धरना स्थल पर लौट आए।

इससे पहले शनिवार को दिनभर चले रेस्क्यू आपरेशन के बाद एक भी मजदूर को जीवित या मृत अवस्था में बरामद नहीं किया जा सका। दिन में फैक्ट्री के बाहर दिनभर लोगों की भीड़ थी। लिहाजा अब रात में लोगों की भीड़ हटने के बाद जेसीबी बुलवाकर मलबे को हटाने का काम शुरू किया गया है। जो मजदूर लापता हैं, उन्हें लोग मृत ही मान रहे हैं, लेकिन शव न मिलने की स्थिति में प्रशासन उसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। घटना स्थल के आसपास जिस तरह से मांस के लोथड़े बिखरे पड़े थे। उससे तो यही आशंका जताई जा रही है कि वहां पर कोई भी जिंदा नहीं बचा होगा। रात में जेसीबी से मलबे को हटाने का काम शुरू किया गया है। इसके बाद ही लापता मजदूरों के बारे में स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। फिलहाल अब भी कलेक्टर रणबीर शर्मा, एसपी रामकृष्ण सहित जिला प्रशासन के आला अधिकारी घटना स्थल पर ही उपस्थित हैं। रेस्क्यू आपरेशन के लिए आसपास के जिलों से भी संसाधन मंगाए जा रहे हैं।

बता दे कि 1994 में ग्राम पिरदा में स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी की स्थापना हुई थी। इसके बाद से वहां पर आए दिन कुछ न कुछ घटनाएं होती रहती हैं। हादसे के बाद जिस तरह से मजदूरों के रिकार्ड को गायब किया गया है, उससे कंपनी प्रबंधन की भूमिका सबसे अधिक संदेह के दायरे में है। आशंका जताई जा रही है कि प्रबंधन मजदूरों की वास्तविक संख्या को छिपाने का प्रयास कर रहा है। वहीं कंपनी में सुरक्षा के प्रबंध को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

कुछ ग्रामीणों ने ये भी दावा किया कि सिर्फ 50 एकड़ पर फैक्ट्री के लिए अनुमति दी गई है, लेकिन नियम विरुद्ध तरीके से 200 एकड़ से अधिक के क्षेत्रफल पर कंपनी का संचालन किया जा रहा है। हालांकि शासन ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। न्यायिक जांच में ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

बारूद फैक्ट्री हादसे की चपेट में आने वाले मजदूरों के नाम
नरहर यदू -बोरसी
भीषम साहू-बोरसी
शंकर यादव, -उफरा
लोकनाथ यादव – गब्दा
विजय- पिरदा
पुष्पराज – पिरदा
रामकिशन – पिरदा
शेषनाथ निषाद – पिरदा
नीरज – भिम्भोरी

ख़बर को शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
news36 से जुड़िए
जोहार...आपकी क्या सहायता कर सकते है, अपने आस पास की खबरें हमें भेज सकते है