भिलाई – जानलेवा हो सकता है मांझा ,खतरे में पड़ी पांच साल के बच्चे की जान, गले में मांझा फंसने से कटी सांस की नली
भिलाई : सड़क के किनारे खड़े होकर पतंग उड़ाने की आदत के कारण महावीर कालोनी दुर्ग निवासी 5 साल के बच्चे की जान खतरे में पड़ गई। पिता विकास जैन के साथ बाजार जाते वक्त, पेंच लड़ा रहे बच्चों की पतंग का मांझा स्कूटी पर पीछे बैठे बच्चे के गले में फंस गया। जिससे सांस की नली व दिमाग से हार्ट तक खून पहुंचाने वाली जुगलर वैन कट गई। अच्छा यह रहा कि प्रेशर से खून निकलने से बच्चे के पिता घबराए नहीं, सीधे नेहरू नगर के पल्स हाॉस्पिटल पहुंच गए।
चाइनीज मांझे में शीशे की लेप की वजह गहरा कट
बाजार में आज-कल चाइनीज मांझा आ रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक उसमें धागों के ऊपर शीशे का लेप होता है। इस मांझे से पेंच लड़ाते वक्त दूसरे की पतंग के कटने की संभावना अधिकतम रहती है। इस हिसाब से अच्छी क्वालिटी के मांझे में ज्यादा शीशा लगा होता है। दूसरे की पतंग काटने की चाहत में बच्चे इसी खतरनाक मांझे को खरीदते हैं।
मांझा से लगने वाला कट इतना शार्प होता कि सर्जरी के बाद घाव सूखने में भी देरी होती है। इस बनाने में साफ-सफाई का कोई ध्यान नहीं होता, इसलिए इंफेक्शन का खतरा भी बना रहता है। आम रास्ते से आवागमन में हाथ-पैर में फंसने पर व्यक्ति खुद को कट लगने से बचा लेता है, लेकिन गले में फंसने के बाद बचाने की कोई गुंजाइश नहीं रहती।
बता दे कि नेहरू नगर के पल्स हाॉस्पिटल यहां के एनेस्थेटिक डॉ. निशांत बघेल ने सबसे पहले वेंटिलेटर से बच्चे को सांस देने का इंतजाम किया। आगे डॉ. अपूर्व वर्मा, डॉ. सत्येंद्र ग्यानी, डॉ. शैलेंद्र, डॉ. प्रभाकर की टीम ने सर्जरी कर नली व वेन को जोड़ा।
𝗙𝗮𝘁𝗮𝗳𝗮𝘁 𝗡𝗲𝘄𝘀 ।। छत्तीसगढ़ के दिनभर के हर छोटे बड़े खबर ।। खबर हकन के ।। 12 जनवरी 2023