शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर को SC ने शर्तों के साथ दी अंतरिम जमानत

छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर को बड़ी राहत मिली है. जहां सुप्रीम कोर्ट ने अनवर ढेबर को शर्तो के साथ 4 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है.
अनवर ढेबर को मिली जमानत
शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अनवर ढेबर को 4 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट ने मां के खराब स्वास्थ्य के चलते ये जमानत दी है. वहीं उन्हें पुलिस अभिरक्षा में 4 दिन मां के साथ रहने की इजाज़त दी गई है.
जाने क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला राज्य में पिछले कुछ वर्षों में उजागर हुआ एक बड़ा वित्तीय और प्रशासनिक घोटाला है, जिसकी अनुमानित राशि 2100 से बढ़कर अब करीब 3200 करोड़ रुपये तक मानी जा रही है।
घोटाले की शुरुआत और तरीका
2019 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में आबकारी नीति में बड़े बदलाव किए गए। सरकार ने शराब की खरीदी, वितरण और बिक्री पर सीधा नियंत्रण ले लिया। इसी दौरान अधिकारियों, नेताओं और शराब व्यापारियों के एक सिंडिकेट ने मिलकर नकली होलोग्राम, फर्जी बिलिंग, अवैध कमीशन और नकद लेनदेन के माध्यम से सरकारी खातों में पैसे जमा किए बिना भारी मात्रा में शराब बेचने का खेल शुरू किया।
घोटाले में मुख्य आरोप
व्हिस्की/शराब की बोतलों में नकली होलोग्राम लगाकर, सरकारी दुकानों से अतिरिक्त शराब बेचा गया। इन अवैध बिक्री और नकद लेनदेन के जरिए राज्य के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
अफसर, राजनेता और कारोबारी मिलकर सिंडिकेट चलाते थे, जिसमें आबकारी नीति में अपने लाभ के अनुसार बदलाव भी किए गए। रिश्वत और कमीशन के रूप में करोड़ों का लेनदेन हुआ।
प्रमुख आरोपी
इस घोटाले में मुख्य आरोपियों के नाम हैं: तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, CSMCL के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, रायपुर महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल।
जांच और कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ED) व आर्थिक अपराध शाखा (EOW) दोनों ने इस केस की जांच की है। 2023–2025 में कई अधिकारियों, नेताओं और व्यापारियों की गिरफ्तारी हुई। हाल ही में 22 से अधिक आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है, और कई के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई।