आई फ्लू के बाद अब छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मलेरिया का प्रकोप
कोरबा। बारिश के बाद मौसमी बामारी ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। शर्दी, खांसी, आई फ्लू के बाद मलेरिया संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इन बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही तैयारी करने का दावा किया था। इसके बावजूद पाली विकासखंड के ग्राम सोनईपुर में मलेरिया ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। कई ग्रामीण कुछ ही दिनों के भीतर मलेरिया की चपेट में आ गए। जिसकी भनक लगते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आ गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केसरी के निर्देश पर स्वास्थ्य अमले ने गांव में डेरा डाल दिया. टीम को निरीक्षण के दौरान करीब 15 से ज्यादा ग्रामीण मलेरिया से पीड़ित मिले. जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल दाखिल कराया गया है । इनमें से 10 मरीजों को उपचार के पश्चात छुट्टी दे दी गई।
मलेरिया की रोकथाम के लिए शिविर का आयोजन
सोनईपुर के अलावा आसपास के क्षेत्र में मलेरिया की रोकथाम के लिए शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में पाली तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा भी पहुंचे। उनकी मौजूदगी में ग्रामीणों का रक्त परीक्षण किया गया। इसके अलावा ग्रामीणों को मच्छरदानी का वितरण किया गया। सीएमएचओ ने जिले के सभी विकासखंड में मौसमी बीमारी को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिया है. स्वास्थ्य अमले को अपने-अपने क्षेत्र में तैनात रहने और मलेरिया, डेंगू तथा डायरिया जैसी बीमारियों की निगरानी के निर्देश दिए हैं।
सावधानी रखने की अपील
सीएमएचओ डॉ. एसएन केसरी ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि बारिश के मौसम में पानी का ठहराव होता है. ऐसे में मच्छर के लार्वा से अंडा बनने की प्रक्रिया काफी ज्यादा होता है. जिससे मलेरिया व डेंगू का खतरा बढ़ जाता है.डेंगू खतरनाक बीमारी है. इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ- सफाई जरूरी है. इसके अलावा पानी का ठहराव न होने दें. साथ ही मच्छरदानी का उपयोग करें।