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चीन में फिर कोरोना बरपा रहा है कहर, अस्पतालों में जगह नहीं, अंतिम संस्कार के लिए भारी वेंटिंग

चीन में कोरोना का प्रकोप देखने को मिल रहा है. अस्पताल के भीतर और बाहर लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है. चीन ने देशव्यापी प्रदर्शनों के बाद इस महीने की शुरुआत में जीरो कोविड पॉलिसी हटा दी थी. पाबंदी हटते ही देश की एक बड़ी आबादी कोरोना की चपेट में आ गई है. यह वह आबादी है, जिसने वैक्सीन नहीं लगवाई थी. इनमें बुजुर्गों की तादाद अधिक है. कोरोना की इस नई लहर से अस्पताल और अन्य हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं थे, जिससे स्थिति बिगड़ती चली गई.

देखे वीडियो – स्रोत सोशल मीडिया

कोरोना के सरकारी आंकड़े और उन पर उठते सवाल

सरकार के आधिकारिक आंकड़ों में कोरोना के नए मामले और मौतों की संख्या बेहद कम दिखाई दे रही है. चीन में बुधवार को कोरोना के 3101 नए मामले सामने आए, जिनमें से 3049 घरेलू मामले हैं. इसके साथ ही चीन में कोरोना की कुल संख्या 386,276 दर्ज हुई.
सरकार का कहना है कि चीन में अब सिर्फ सांस से जुड़ीं बीमारियों के चलते हुई मौतों को ही कोरोना से मौत के आंकड़ों में गिना जाएगा. सरकार का कहना है कि इसके तहत 20 दिसंबर को कोरोना से किसी भी शख्स की मौत नहीं हुई.

चीन पर शुरुआत से ही कोरोना को लेकर आंकड़े छिपाने का आरोप लगता रहा है. साल 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन पर कोरोना से जुड़ी जानकारी छिपाने का आरोप लगाया था. चीन में कोरोना के मामले और इससे हुई मौतों के आंकड़े छिपाने का आरोप अब भी लगता रहा है. लेकिन सोशल मीडिया पर चीन की भयावह तस्वीरों से वहां के हालात दुनिया के सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब चीन सरकार पर कोरोना के मामले सार्वजनिक करने का दबाव बढ़ा है.

चीन की राष्ट्रीय नीति जिम्मेदार

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना के मामले बढ़ने का कारण चीन की राष्ट्रीय नीति है, जिसमें इंसानी इम्युनिटी बढ़ाने के बजाए उससे बचाव के तरीके पर अधिक फोकस किया जाता रहा है. इस तरह की पॉलिसी का एक दुष्प्रभाव यह है कि चीन में बुजुर्गों की एक बड़ी संख्या है, जिन्हें बूस्टर डोज नहीं लगी है. देश की एक बड़ी आबादी बूस्टर डोज से महरूम है, इनमें बड़ी तादाद बुजुर्गों की है.

चीन में कोरोना की पहली लहर क्रिसमस, दूसरी न्यू ईयर और तीसरी लूनर न्यू ईयर पर देखने को मिलेगी. चीन में 22 जनवरी को नववर्ष मनाया जाएगा. इससे पहले चीन के नववर्ष की पारंपरिक छुट्टियों पर हमेशा की तरह बेतहाशा भीड़ होगी. हालात ऐसे होंगे कि सड़कें और ट्रेन भीड़ से पटे होंगे. ऐसे में एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि यह स्थिति चीन के लिए बहुत घातक हो सकती है क्योंकि इस दौरान बड़ी संख्या में लोग छुट्टियां मनाने अपने घर लौटते हैं.

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