सुशासन एक्सप्रेस रथ घर-घर पहुंच रही शासन की सेवाएं, सुशासन को लेकर की जा रही अभिनव पहल, गांव गांवमें लग रहा ‘वन-स्टॉप कैंप

रायपुर, 26 अगस्त 2025/ रायपुर जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देश में आम जनता को शासन की योजनाओं और सेवाओं को घर के समीप पहुंचाने की दिशा में “सुशासन एक्सप्रेस” नाम से एक अभिनव और अनुकरणीय पहल शुरू की गई है, जो जनसमस्याओं के त्वरित निदान मॉडल के रूप में स्थापित हुई है। इसका शुभारंभ 29 मई को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के तहत ग्राम भैंसा में आयोजित समाधान शिविर में किया था। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में प्रारंभ की गई इस पहल के माध्यम से हजारों ग्रामीणों को शासन की दो दर्जन से अधिक सेवाओं का लाभ सहजता से मिलने लगा है।
ग्रामीणों ने कहा अब घर के समीप ही मिल रही है सुविधा
ग्राम पंचायत संकरी के युवा उत्तम साहू के लिए खुशी का क्षण था जब घर बैठे ही उन्हें लर्निंग लाइसेंस मिल गई जो उनके गांव में आए सुशासन रथ से मिली। उत्तम कहते हैं कि उनके घर में अन्य सदस्यों ने लाइसेंस बनाया तो गांव के बाहर जाना पड़ा था और समय भी लगा था, अब कुछ दिन पहले गांव में कोटवार ने हांका लगाया तो सुशासन रथ आने की जानकारी मिली। मैंने वहां जा कर आवेदन किया। प्रक्रिया पूरी हुई और मुझे लाइसेंस मिल गया। सांकरा के रहने वाले श्री राजेश कुमार यादव भी बड़े प्रफुल्लित हैं कि उनका राशन कार्ड बन गया, इसके लिए बार-बार पंचायत कार्यालय में जाना नहीं पड़ा उन्होंने सुशासन रथ में आवेदन दिया, प्रक्रिया पूरी होने के बाद राशन कार्ड बन गया। उत्तम और राजेश मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहते हैं कि अब जिला प्रशासन रायपुर द्वारा उनके घर के समीप ही शासकीय सेवाएं मिल रही हैं जिसके लिए उन्हें अलग से समय निकाल कर जाना पड़ता था, कई बार कागजात अपूर्ण होने पर दुबारा भी जाना पड़ता था।
67 हजार से अधिक आवेदनों का त्वरित निराकरण
सुशासन एक्सप्रेस के माध्यम से अब तक कुल 75,864 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 67,788 आवेदनों का त्वरित निराकरण किया जा चुका है। शेष लंबित आवेदनों की कार्यवाही भी प्राथमिकता से की जा रही है। सुशासन एक्सप्रेस के माध्यम से अब तक जरूरतमंद 15,741 आवेदकों को आय प्रमाण पत्र, 5741 को जाति प्रमाण पत्र, 4273 को निवास प्रमाण पत्र, 7536 को आयुष्मान भारत कार्ड, 6014 को राशन कार्ड, 8269 को ड्राइविंग लाइसेंस, 1306 को किसान क्रेडिट कार्ड, 2051 को नरेगा जॉब कार्ड, 577 को जन्म प्रमाण पत्र, 50 को मृत्यु प्रमाण पत्र, 4093 श्रमिकों को श्रम कार्ड, 5070 लोगों को आधार कार्ड, 883 को किसान किताब, 814 पात्र आवेदकों को पेंशन, 1346 एचएसआरपी का लाभ देेने के साथ ही महिला एवं बाल विकास, पुलिस, आवास सहित अन्य योजनाओं से भी बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
गांव में ही लग रहा ‘वन-स्टॉप कैंप
किसी भी गांव में सुशासन एक्सप्रेस पहुंचने से तीन दिन पहले सूचना जारी की जाती है। मौके पर पटवारी, पंचायत सचिव, स्वास्थ्य टीम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आधार व आयुष्मान कार्ड बनाने वाले कर्मचारी और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहते हैं। इस तरह गांव में ही छोटा ‘वन-स्टॉप शिविर’ तैयार हो जाता है।

प्रथम चरण- पूर्ण, अब सुशासन एक्सप्रेस दूसरे चरण में
प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार-2025 के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए जिला प्रशासन रायपुर ने इसी तर्ज पर सुशासन एक्सप्रेस की शुरूआत की, जिसका उद्देश्य शासकीय अमले का एक साथ गांवों में पहुंचकर उनकी समस्याओं और आवेदनों का तत्परता से निराकरण करना है। सुशासन एक्सप्रेस के प्रथम चरण की शुरूआत अभनपुर, आरंग, धरसींवा और तिल्दा विकासखण्ड के गांवों से हुई। उक्त चारों विकासखण्डों की 300 से अधिक ग्राम पंचायतों में तथा नगर पंचायत आरंग के 17 वार्डों में सुशासन एक्सप्रेस के माध्यम से समस्याओं और आवेदनों का तत्परता से निराकरण किया गया।
प्रथम चरण की सफलता के बाद अब जिला प्रशासन ने इसका दूसरा चरण भी प्रारंभ कर दिया है, जिसमें अभनपुर, धरसींवा एवं तिल्दा विकासखंड के ग्रामीण इलाके शामिल है, जहां सुशासन एक्सप्रेस निर्धारित तिथियों में पहुंच रही है। सुशासन एक्सप्रेस के साथ गांव-गांव में पहुंचकर विभिन्न विभागों का मैदानी अमला लोगों की समस्याओं और आवेदनों का निराकरण कर रहा है।
नाम मात्र खर्च में बड़ा बदलाव
कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने बताया कि जनसमस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए सुशासन एक्सप्रेस संचालित करने के आइडिया को मूर्तरूप देने के लिए कंडम हो चुकी चार एंबुलेंस को जिला प्रशासन द्वारा मरम्मत कराकर इन्हें सुशासन एक्सप्रेस में परिवर्तित किया गया। नाम मात्र खर्च में तैयार किए गए इन मोबाइल सेवा वैन ने ग्रामीण अंचलों में सुशासन की नई राह प्रशस्त की है। रायपुर जिले की सुशासन एक्सप्रेस की सफलता वास्तव में शासन-प्रशासन की इच्छाशक्ति, नवाचार और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति पहुंचाने की दिशा में एक अनुकरणीय मॉडल है।