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छत्तीसगढ़ में शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ, TET-SET परीक्षा कराएगी सरकार

छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूल और कालेजों में शिक्षकों की भर्ती से पहले पात्रता परीक्षाओं का आयोजन करने का फैसला किया है। इसके तहत स्कूल शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) और कालेजों के लिए राज्य पात्रता परीक्षा (SET) आयोजित की जाएगी। दोनों परीक्षाओं की अधिसूचना इस साल दिसंबर 2025 तक जारी होने की संभावना है। TET परीक्षा फरवरी 2026 में और SET परीक्षा मार्च-अप्रैल 2026 में आयोजित की जा सकती है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्थानीय युवाओं को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए विभागों को पात्रता परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। TET के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (CG Vyapam) ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रदेश में अब तक 2011, 2014, 2016, 2017, 2019, 2022 और 2024 में TET आयोजित हो चुकी है और इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने पर इसकी वैधता आजीवन रहती है।

कालेजों के लिए SET परीक्षा इस बार सातवीं बार होगी। इसके आयोजन के लिए उच्च शिक्षा विभाग यूजीसी से अनुमति ले रहा है, इसलिए ये परीक्षा थोड़ी देर से होने वाली है। प्रदेश में SET पहली बार 2006 में आयोजित हुई थी, इसके बाद 2013, 2017, 2018, 2019 और 2024 में भी ये परीक्षा हुई है। UGC के अनुसार हर साल SET का आयोजन आवश्यक है। इस बार हिंदी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, इतिहास, भूगोल, फिजिकल साइंस, कंप्यूटर साइंस, वाणिज्य, विधि, संस्कृत, मनोविज्ञान, फिजिकल एजुकेशन सहित कुल 30 विषयों में परीक्षा प्रस्तावित है।

राज्य सरकार ने स्कूलों में 5,000 और कालेजों में 700 शिक्षक पदों पर भर्ती की स्वीकृति दे दी है। भर्ती में सहायक प्राध्यापक के 625 पद और 25 क्रीड़ा अधिकारी के पद भी शामिल हैं। प्रदेश में वर्तमान में सरकारी स्कूलों में लगभग 1.86 लाख शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि करीब 40,000 पद खाली हैं। कालेजों में लगभग 2,600 सहायक प्राध्यापक के पद रिक्त हैं।

सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2025 के आदेश के बाद टीईटी परीक्षा की महत्वता बढ़ गई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकारी और गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों में नौकरी और पदोन्नति के लिए टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। पांच साल से अधिक सेवा बाकी शिक्षकों के लिए टीईटी देना आवश्यक है, अन्यथा उन्हें इस्तीफा देना होगा या अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेनी पड़ेगी। जिनकी सेवा अवधि पांच साल से कम है, उन्हें पदोन्नति के लिए टीईटी देना अनिवार्य होगा।

TET परीक्षा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा 2010 में अनिवार्य की गई थी, जो कक्षा एक से आठ तक शिक्षण के लिए उम्मीदवार की योग्यता निर्धारित करती है। वहीं, SET परीक्षा राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा है जो विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्राध्यापक बनने के लिए अनिवार्य है।

उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि SET परीक्षा आयोजित कराने का उद्देश्य आगामी सहायक प्राध्यापक भर्ती में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देना है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है और जल्द ही परीक्षा की तारीखों का ऐलान होगा।

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news36Desk

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