कवर्धा के कामठी गांव में मंदिर विवाद से हिंसा, पुलिस लाठीचार्ज में 40 घायल, सुरक्षा बल तैनात

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के ग्राम कामठी में रविवार को मंदिर विवाद एक बार फिर भड़क गया। नवरात्रि की तैयारियों के बीच दो पक्ष आमने-सामने आ गए। विवाद इतना बढ़ा कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें करीब 40 लोग घायल हो गए। फिलहाल गांव में भारी पुलिस बल तैनात है।
नवरात्रि की तैयारी में टकराव
गांव के बीच स्थित प्राचीन मंदिर में हिंदू संगठन के लोग दुर्गा प्रतिमा स्थापना के लिए रविवार सुबह पंडाल और झंडे लगा रहे थे। इसी दौरान आदिवासी समाज के कुछ युवक पहुंचे और पंडाल व झंडे उखाड़ दिए। उन्होंने मंदिर के गेट पर ताला जड़ दिया। इस घटना से दोनों समुदायों के बीच टकराव शुरू हो गया और माहौल बिगड़ गया।
पुलिस-प्रशासन से झूमाझटकी, महिला आरक्षक घायल
मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी और तहसीलदार ने स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन भीड़ उग्र हो गई। इसी दौरान पंडरिया एसडीओपी भूपत सिंह धनेश्री का कॉलर पकड़ लिया गया। झड़प में एक गर्भवती महिला आरक्षक का हाथ भी टूट गया। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस ने बल प्रयोग किया। लाठीचार्ज में करीब 40 लोग घायल हुए, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं।

घायलों का इलाज जारी
लाठीचार्ज में घायल ग्रामीणों को एम्बुलेंस से कुकदूर और पंडरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। कुकदूर सीएचसी की प्रभारी डॉ. प्रसंग्नि साधू ने बताया कि यहां लगभग 30 से 35 घायलों का इलाज चल रहा है। इनमें से किसी को गंभीर चोट नहीं है। वहीं 10 से 12 घायलों को पंडरिया अस्पताल रेफर किया गया है।
विवाद की जड़ और पुराना इतिहास
गांव के बीच स्थित इस मंदिर में ग्रामीण वर्षों से पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से गोंडवाना समाज भी इस स्थल पर अपना अधिकार जताने लगा और मंदिर पर नया नामकरण कर झंडा स्थापित किया। इसी कारण मंदिर को लेकर पटेल समाज और गोंडवाना समाज के बीच लगातार विवाद की स्थिति बनी रहती है।
पिछले साल भी नवरात्रि और छठ पूजा के दौरान इसी तरह का तनाव उत्पन्न हुआ था। ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर को सुरक्षित करने के लिए स्थायी समाधान जरूरी है।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
कलेक्टर गोपाल वर्मा ने बताया कि विवाद शासकीय जमीन को लेकर है। दोनों पक्षों से चर्चाएं जारी हैं और स्थायी समाधान के लिए समिति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं।
वहीं, एसपी धर्मेंद्र सिंह छवाई ने बताया कि दुर्गा पंडाल तोड़े जाने के बाद विवाद बढ़ा। दीवार तोड़ने और धक्का-मुक्की की घटना के चलते कई लोग और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। स्थिति फिलहाल शांत है और पूर्व की परंपरा के अनुसार धार्मिक आयोजन करने की व्यवस्था बनाई गई है।