राज्य में होने वाली भर्ती प्रक्रिया में केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को ही मौका मिले, महंत ने सीएम साय को लिखी चिट्ठी

छत्तीसगढ़ में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति नीति को लेकर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सरकार को घेरा है। महंत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा को पत्र लिखकर मांग की है कि राज्य में होने वाली भर्ती प्रक्रिया में केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को ही मौका मिले। उन्होंने कहा कि अतिथि व्याख्याता नीति 2024 में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान जोड़े जाने चाहिए।
भर्ती में प्राथमिकता को लेकर विवाद
गौरतलब है कि विभाग की ओर से पहले जारी नोटिस में कहा गया था कि समान अंक आने की स्थिति में ही छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद से स्थानीय अभ्यर्थियों में नाराज़गी और विरोध तेजी से बढ़ा है।
महंत का तर्क
चरणदास महंत ने अपने पत्र में लिखा कि 20 जून 2024 से लागू की गई अतिथि व्याख्याता नीति में छत्तीसगढ़ी छात्रों की अपेक्षा पूरी नहीं की गई है। इसमें बाहर के राज्यों के उम्मीदवारों को भी पात्र माना गया है, जो राज्य के युवाओं के साथ न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में इस तरह के पदों पर केवल राज्य के मूल निवासियों को ही पात्र माना जाता है, वही व्यवस्था छत्तीसगढ़ में भी होनी चाहिए।

हालिया नियुक्तियों का हवाला
महंत ने सरगुजा संभाग के महाविद्यालयों में हुई नियुक्तियों का जिक्र किया, जहां हाल ही में 34 पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती हुई। इनमें 15 पद अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को मिले, जबकि केवल 19 पदों पर छत्तीसगढ़ के युवक-युवतियों का चयन किया गया। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था स्पष्ट रूप से छत्तीसगढ़ियों के हितों के विरुद्ध है।
तत्काल संशोधन की मांग
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से मांग की है कि नीति में तुरंत संशोधन कर मध्य प्रदेश की तरह ही छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को ही पात्रता की शर्त में शामिल किया जाए। महंत ने स्पष्ट किया कि यह कदम स्थानीय छात्रों और अभ्यर्थियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।छत्तीसगढ़ में अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति नीति को लेकर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने सरकार को घेरा है। महंत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा को पत्र लिखकर मांग की है कि राज्य में होने वाली भर्ती प्रक्रिया में केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को ही मौका मिले। उन्होंने कहा कि अतिथि व्याख्याता नीति 2024 में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान जोड़े जाने चाहिए।
18 अगस्त को जारी एक नए नियम से बवाल
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 18 अगस्त को जारी एक नए नियम ने छत्तीसगढ़ के स्थानीय बेरोजगार युवकों में कूट कूटकर नाराजगी पैदाकर दी है। दरअसल, उच्च शिक्षा आयुक्त ने हाल ही में महाविद्यालयों में अतिथि व्याख्याता की भर्ती के लिए नया आदेश जारी किया है। ये नया नियम विवाद की वजह बन गया है। इसे लेकर प्रदेश के युवा अभ्यर्थियों में गहरी नाराज़गी है। उच्च शिक्षा आयुक्त के द्वारा जारी इस आदेश के अनुसार अब केवल समान अंक होने की स्थिति में ही स्थानीय (छत्तीसगढ़ के) उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
