Video – रतनपुर : अपना प्राचीन पहचान खोता जा रहा रतनपुर, सरंक्षण के अभाव में जमींदोज हो रहे ये प्राचीन अवशेष
गुरुदेव सोनी । जिस तरह से रतनपुर को मंदिरों और तालाबों की नगरी कहा जाता है जिनके निर्माण में प्राचीन काल के निश्चित ही राज्य सत्ताओं का हाथ रहा होगा, जिसके प्रमाण के बतौर उन राजा महाराजाओं के महलों के अवशेष आज भी नगर में विद्यमान है, तो आज हम news 36 के माध्यम से ले चलते है पंद्रहवीं सोलहवीं शताब्दी पीछे जहाँ स्थित है ये बादल महल…
किसी समय में महाकौशल की शान समझे जाने वाले रतनपुर में जगह जगह बने इन बावली व महलों के अवशेषों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि प्राचीन समय में यह नगर काफी समृध्दशाली रहा होगा, जिसमे नगर से तीन किलोमीटर की दूरी पर रतनपुर कोटा मार्ग पर स्थित जूना शहर जहाँ पर प्राचीन महलों के अवशेष आज भी दृष्टिगोचर है व किसी समय मे राजधानी रहे रतनपुर की आन बान व शान का प्रतीक माना जाता था, जिसकी जर्जर स्थिति को देखकर एक तरफ उत्सुकता तो दूसरी ओर मन में दया भाव जागृत होता है
तो बात करेंगे हम इस सतखंडा महल की , जिसकी ऊंचाई गगनचुम्बी होने की वजह से इसे बादल महल भी कहा जाता है, जिसे राजा राज सिंह के द्वारा बनवाया गया था, किवदंती यह भी कहती है कि इस महल को राजा ने अपनी धर्मपत्नी के लिए दोलन करते हुए झूले की आकृति में बनवाया था, वर्तमान स्थिति में यह महल एक खंडहर के रूप में तब्दील हो चुकी है, सात मंजिलों का यह महल जिसमें अब चार ही मंजिल शेष बचे हुए हैं और बाकी तीन मंजिल देखरेख के अभाव में धराशाई हो चुका हैं, और इस महल की दीवारों पर बरगद व पीपल जैसे पेड़ ने अपना कब्जा जमा चुके हैं, जिसकी वजह से इनकी दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी है, और इन बचे हुए कुछ मंजिलें आज भग्नावशेष स्थिति में है, जिसे बचाया नही गया तो किसी भी समय यह पूरा गिरकर जमीदोज हो सकता है, और प्राचीन रतनपुर अपना और एक पहचान खो सकती है। इसके अलावा इस महल के पीछे एक विशाल प्राचीन अस्तबल भी बना हुआ है, इस जगह पर कई कमरे बने हुए हैं जहां राजा अपने घोड़े बांधा करते थे ।कहा जाता है कि राजा के घोड़े का नाम भी बादल था जिसके नाम पर इस महल को बनवाया गया था, इसलिए भी इसे बादल महल कहा जाता है।
पर्यटकों को अपनी ओर बरबस आकर्षित करते यह प्राचीन खंडहर के रूप में तब्दील होते इन महलों का, समय रहते अगर संरक्षित नही किया गया तो आने वाले समय मे किलों व महलों के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त रतनपुर धीरे धीरे अपना प्राचीन पहचान खो सकती है,