Hareli Tihar :सीएम विष्णुदेव साय ने परिवार के साथ मनाया छत्तीसगढ़िया लोक पर्व हरेली का त्यौहार, प्रदेशवासियों को दी बधाई
Hareli Tihar :छत्तीसगढ़ राज्य के लिए सबसे प्रमुख और प्रथम त्यौहार “हरेली” प्रदेश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है, दरअसल हरेली का यह त्यौहार छत्तीसगढ़ वासियों के लिए सबसे प्रमुख त्यौहार होता है, शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है, विधिवत रूप से इस पर्व में तुलसी माता, नांगर, कृषि उपकरणों, गेड़ी की पूजा कर किसान अच्छी फसल कि भगवान से कामना करते हैं.
साथ ही इस मौके पर गेड़ी नृत्य और राउत नाचा भी किया जाता है, प्रकृति से जुड़ा यह हरेली त्यौहार हर साल की तरह इस साल भी धूमधाम से मनाया जा रहा है, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निवास पर इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, सीएम विष्णुदेव साय ने धर्मपत्नी कौशल्या साय और परिवार के साथ यहां मौजूद लोगों ने विधिवत रूप से तुलसी माता, नांगर , कृषि उपकरणों और गेड़ी की पूजा कर अच्छी फसल किसानों और प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की.
इस पर्व के मौके पर छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति मुख्यमंत्री के निवास में पूरी तरह से जीवंत हो उठी. सीएम विष्णुदेव साय के साथ-साथ प्रदेश के सभी कैबिनेट मंत्री ,विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह के साथ ही भाजपा के सभी विधायकों ने इस हरेली के पर्व को धूमधाम से मनाया और गेड़ी नृत्य भी किया.
दरअसल हरेली त्यौहार के मौके पर मुख्यमंत्री निवास को छत्तीसगढ़ी ग्रामीण परिवेश में पूरी तरह से सजाया गया, इसके अलावा पारंपरिक सजावट और छत्तीसगढ़ी संस्कृति की अनुरूप सीएम के निवास को तैयार किया गया, वहीं इस मौके पर आयोजित छत्तीसगढ़ी संगीत, लोक नृत्य, पारंपरिक गढ़वा बाजा, राउत नाचा और गेड़ी नृत्य का भी विशेष आयोजन किया गया.
इस मौके पर परंपरागत कृषि उपकरणों के स्टॉल लगाकर इसकी पूजा पाठ भी की गई, वही मुख्यमंत्री ने राउत नाचा के कलाकारों के आग्रह पर खुद छत्तीसगढ़ी पारंपरिक वेशभूषा धारण कर कलाकारों का उत्साह बढ़ाया, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि हरेली का त्योहार छत्तीसगढ़ का सबसे प्रमुख त्यौहार है, हरेली पर्व पर खेती किसानी, कला संस्कृति ,खानपान और वेशभूषा का अनूठा नजारा पूरे प्रदेश में देखने को मिलता है.
आज इस पर्व के मौके पर उन्होंने भी छत्तीसगढ़िया परिधान पहनकर लोक संस्कृति के रंग में सरोबार हुए, उनके साथ-साथ छत्तीसगढ़ के सभी कैबिनेट मंत्री भी पारंपरिक वेशभूषा में खुमरी पहने हुए नजर आए , सीएम ने बताया कि इस पर्व के मौके पर गाय और बछड़े को लोंदी और चारा भी खिलाया जाता है, इसके साथ ही पशुधन संरक्षण का भी संदेश दिया जाता है, क्योंकि हरेली त्यौहार प्रकृति से जुड़ा त्यौहार है, ऐसे में प्रकृति से मिले सारी संपत्ति को छत्तीसगढ़ वासियों के द्वारा पूजा जाता है, इधर हरेली के पूजा के बाद मुख्यमंत्री और उनकी धर्मपत्नी पारंपरिक झूले का भी आनंद लेते हुए दिखाई दिए.
दरअसल छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है और इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है, हर साल हरेली अमावस्या को मनाया जाने वाला हरेली त्यौहार का छत्तीसगढ़ के जनजीवन में व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है ,हरेली के दिन एक तरफ जहां किसान नांगर, हल और कृषि औजार की पूजा करते हैं, जो छत्तीसगढ़ की कृषि प्रधान संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है ,वहीं हरेली पर्व का महत्व धरती को हरा-भरा बनाए रखने के लिए पेड़ पौधों की महत्ता को भी प्रदर्शित किया जाता है.
एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने “एक पेड़ मां के नाम” लगाने की अपील कर रहे हैं ,और यह एक जन आंदोलन बन गया है, वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ वासियो से आह्वान किया है कि हरेली के दिन छत्तीसगढ़ की धरती को और हरा-भरा बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करें.