अखिल भारतीय समन्वित रबी दलहन परियोजना की 29 वीं वार्षिक समूह बैठक FLRP-ICARDA अमलाहा सीहोर में हुई आयोजित
अखिल भारतीय समन्वित रबी दलहन परियोजना की 29 वीं वार्षिक समूह बैठक (2-4 सितंबर, 2024), FLRP-ICARDA, अमलाहा सीहोर में आयोजित हुई । इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अध्यक्ष माननीय डॉ. तिलक राज शर्मा, उपमहानिदेशक (फसल विज्ञान), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के द्वारा हुआ।
इस बैठक मे माननीय डॉ. प्रवीन कुमार सिंह, कृषि आयुक्त, भारत सरकार, डॉ. सुनील चंद्र दुबे, माननीय कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, आईसीएआर के सहायक महानिदेशक (तिलहन एवं दलहन) डॉ. संजीव गुप्ता, ICARDA-साउथ एशिया एंड चाइना रीजनल प्रोग्राम के रीजनल कोऑर्डिनेटर डॉ. शिव कुमार अग्रवाल, डॉ. गिरीश प्रसाद दीक्षित, निदेशक, आईसीएआर-आईआईपीआर, कानपुर, डॉ. शैलेश त्रिपाठी परियोजना समन्वयक, मोरक्को, लेबनॉन, मिस्र और किर्ग़िज़स्तान से आये कृषि वैज्ञानिको ने भाग लिया ।
डॉ. शिव कुमार अग्रवाल ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। बैठक के अध्यक्ष डॉ. तिलक राज शर्मा, ने आधुनिक तकनीक जैसे स्पीड ब्रीडिंग और जीनोम एडिटिंग के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने भारत में दलहनों के लिए क्षेत्र-विशिष्ट प्रोडक्ट प्रोफाइल विकसित करने के महत्व को भी रेखांकित किया और देश में दलहन अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने में ICARDA के महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सुझाव दिया ।
डॉ. प्रवीन कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की नई रणनीतियों पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य भारत में दलहन सीड रिप्लेसमेंट रेट को बढ़ाना है एवं दलहन के उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है। उन्होंने किसानों को दलहन उत्पादकता बढ़ाने के लिए समर्थन देने हेतु विभिन्न भारत सरकार की नीतियों पर प्रकाश डाला।
माननीय कुलपति, डॉ. सुनील चंद्र दुबे ने अपने वक्तव्य में दलहन उत्पादन में हुई महत्वपूर्ण वृद्धि को रेखांकित किया एवं इस क्षेत्र में निरंतर सफलता सुनिश्चित करने के लिए सतत सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
आईसीएआर के सहायक महानिदेशक (तिलहन एवं दलहन) डॉ. संजीव गुप्ता ने अपने संबोधन में रबी दलहन फसलों पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी) को सुदृढ़ करने पर बल दिया एवं विशेष रूप से दलहनों के पारिस्थितिक प्रसार और परीक्षण मानदंडों के क्षेत्रों में अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
डॉ. गिरीश प्रसाद दीक्षित, निदेशक, आईसीएआर-आईआईपीआर, कानपुर ने रबी दलहनों, विशेष रूप से चना और मसूर के उत्पादन में उल्लेखनीय अनुसंधान और विकास गतिविधियों का अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने पिछले वर्ष के दौरान की गई नई पहलों पर भी प्रकाश डाला।
रबी दलहन फसलों के परियोजना समन्वयक, डॉ. शैलेश त्रिपाठी ने दलहन अनुसंधान और विकास में हुई प्रगति और उपलब्धियों पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिससे आगे की समीक्षा और चर्चाओं की नींव रखी गई।