छत्तीसगढ़रायपुर संभाग

फरार हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर एमपी के ग्वालियर से गिरफ्तार

किराए पर मकान लेकर ग्वालियर में छिपा था वीरेंद्र सिंह तोमर, जमानत याचिका खा​रिज होने के बाद बदला था लोकेशन,लोअर-टीशर्ट में घूम रहा था, कल रायपुर लेकर पहुचेंगे अफसर; रोहित अब भी फरार

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चर्चित सूदखोर और ब्लैकमेलर वीरेंद्र तोमर को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा था और बार-बार अपने ठिकाने बदल रहा था। पुलिस को सूचना मिली कि वीरेंद्र तोमर मध्यप्रदेश के ग्वालियर में छिपा हुआ है, जिसके बाद रायपुर पुलिस की टीम ने वहां छापा मारकर उसे पकड़ा। पुलिस आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर ला रही है और जल्द ही कोर्ट में पेश करेगी। फिलहाल आरोपी का छोटा भाई रोहित तोमर अब भी फरार है।

यह मामला सूदखोरी व ब्लैकमेलिंग से जुड़ा है। रायपुर के अलग-अलग थानों में वीरेंद्र तोमर और उसके भाई के खिलाफ कई गंभीर अपराध दर्ज हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि वे लोगों को पैसे उधार देकर उनसे कोरे कागज, चेक और स्टाम्प में हस्ताक्षर करवा लेते थे। बाद में ब्याज के नाम पर ज्यादा पैसा वसूलने के साथ-साथ डराकर उनकी जमीन अपने नाम करवा लेते थे।

पुलिस ने जांच के दौरान उनके साथी बंटी सहारे और जितेंद्र देवांगन को भी गिरफ्तार किया, जो ब्याज के पैसे की वसूली का काम देखते थे। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वे पिछले दो साल से तोमर भाइयों के कहने पर ‘विस्टों फाइनेंस’ नामक ग्रुप बनाकर ब्याज वसूली का सारा हिसाब-किताब संभाल रहे थे।

कभी अंडे का ठेला लगाने वाले तोमर भाइयों ने सूदखोरी के जरिए भारी संपत्ति बना ली है। अब इन पर करोड़ों रुपये की संपत्ति के साथ ही कई मामलों में अपराध दर्ज हैं, जिनमें सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग, फायरिंग और चाकूबाजी शामिल है।

पुलिस इन आरोपियों की संपत्ति और अन्य अपराध सहयोगियों की भी तलाश कर रही है। फिलहाल, वीरेंद्र तोमर की गिरफ्तारी के बाद पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

आदतन अपराधी है वीरेंद्र सिंह उर्फ रूबी तोमर
वीरेंद्र सिंह उर्फ रूबी तोमर रायपुर का आदतन अपराधी है। आरोप के अनुसार अपने छोटे भाई रोहित तोमर और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सूदखोरी का काम करता है। आरोपी कर्जदारों से मूलधन से ज्यादा ब्याज वसूलते और पैसे नहीं देने पर मारपीट करते।

वीरेंद्र सिंह तोमर पर पहला मामला 2006 में दर्ज हुआ था। पुलिस ने इसे आदतन अपराधियों की लिस्ट में डाला है। वीरेंद्र के खिलाफ 6 से ज्यादा अलग-अलग थानों में केस दर्ज है। इनमें मारपीट, उगाही, चाकूबाजी, ब्लैकमेलिंग और आर्म्स एक्ट के केस शामिल है।

दरअसल, करीब 5 महीने पहले प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला ने वीरेंद्र के भाई रोहित तोमर के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाकर तेलीबांधा थाने में FIR दर्ज कराई थी। FIR के बाद से रोहित तोमर फरार हो गया। रोहित के फरार होने के बाद उसका भाई वीरेंद्र तोमर भी गायब हो गया था। पुलिस ने वीरेंद्र सिंह तोमर के घर की तलाशी ली तो उसके घर में अवैध हथियार पुलिस को मिला था। पुलिस ने वीरेंद्र सिंह के ऊपर आर्म्स एक्ट के तहत FIR दर्ज की थी।

करीबियों के घर से जब्त किया था सोना-दस्तावेज
वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित तोमर की फरारी के बाद पुलिस ने उनका पता लगाने के लिए उनके करीबियों के ठिकानों में रेड मारी थी। पुलिस ने करीबियों के घरों में छापेमारी के दौरान 40 करोड़ से अधिक की रजिस्ट्री के दस्तावेज, साढ़े तीन करोड़ का सोना और 10 लाख की चांदी जब्त की है।

जांच में बैंक पासबुक, चेक और एटीएम भी मिले हैं। पुलिस को संदेह है कि यह संपत्ति उन लोगों की है, जिन्होंने तोमर ब्रदर्स से सूद पर पैसे लिए थे। बाद में ब्लैकमेलिंग के जरिए उनकी संपत्ति के दस्तावेज कब्जे में ले लिए गए।

महिलाओं के नाम पर ब्लैंक चेक लेते थे तोमर ब्रदर्स
रोहित और वीरेंद्र जब भी किसी को पैसा देते, चाहे 50 हजार रुपए क्यों न हो। उसके बदले में ब्लैंक चेक लेते थे। उसमें हस्ताक्षर करवाते और अंगूठा भी लगवाते। फिर लोगों को दबाव बनाकर उनकी जमीन, मकान, दुकान और गाड़ी अपने नाम कर लेते।

हाईकोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी रायपुर में रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। हालांकि, दोनों की पत्नियों और भतीजे की अग्रिम जमानत मंजूर की है। सरकारी वकील ने अदालत में तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत का विरोध किया। सरकारी वकील ने बताया कि दोनों भाइयों का आपराधिक रिकॉर्ड लंबा है और उन पर लगभग 16 मामले दर्ज हैं। सरकारी वकील के तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

सूदखोर रोहित तोमर के खिलाफ राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, पुरानी बस्ती, कोतवाली और गुढ़ियारी में 9 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। आरोपी सूदखोरी, मारपीट, ब्लैकमेल के मामले में जेल भी जा चुका है। सूदखोर रोहित गोल्डन मैन के नाम से जिले में मशहूर है। रसूखदारी बनी रहे, इसलिए आरोपी अपने गिरोह के साथ समय-समय पर कार्यक्रमों में भी दिखता था।

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news36Desk

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